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Monday, April 29, 2024

बिजली चोरी मामले में अधीक्षण अभियंता का निलंबन वापस

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देहरादून

गदरपुर की यशोदा फ्लोर मिल में विजिलेंस की छापेमारी में पकड़ में आई बड़ी बिजली चोरी के मामले में अधीक्षण अभियंता का निलंबन वापस ले लिया गया है। निदेशक परिचालन की जांच में अधीक्षण अभियंता की बिजली चोरी में कोई भूमिका नजर नहीं आई। रिपोर्ट मिलने के बाद प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने उनकी बहाली के आदेश जारी कर दिए हैं। जबकि, निलंबित अधिशासी अभियंता, एसडीओ को कोई राहत नहीं दी गई है। विदित है कि बीती 20 अप्रैल को गदरपुर की यशोदा फ्लोर मिल में बड़ी बिजली चोरी सामने आई थी। यहां फ्लोर मिल मालिक की ओर से 11 केवी लाइन से अपना ट्रांसफार्मर जोड़कर बिजली चोरी की जा रही थी। विजिलेंस ने छापेमारी में यहां 96 किलोवाट की बिजली चोरी पकड़ी। प्रथम दृष्ट्या बिजली चोरी में संलिप्तता सामने आने पर ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने तत्काल संबंधित क्षेत्र के जेई, एसएसओ और एक हेल्प ग्रुप के कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी थी। मामला सरकार और शासन के संज्ञान में आने पर सचिव ऊर्जा ने निगम के प्रबंध निदेशक को तलब कर अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

सचिव ऊर्जा के आदेश के बाद निगम प्रबंधन से अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण खंड रुद्रपुर नरेंद्र सिंह टोलिया, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड रुद्रपुर उमाकांत चतुर्वेदी व एसडीओ गिरीश चंद्र आर्य को भी निलंबित कर दिया था। साथ ही निदेशक अतुल कुमार को तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को जांच अधिकारी निदेशक परिचालन अतुल कुमार ने रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को सौंप दी। रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद प्रबंध निदेशक ने निलंबित अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण खंड रुद्रपुर नरेंद्र सिंह टोलिया का निलंबन रद करते हुए उनके पुन: बहाली के आदेश जारी कर दिए।

बिजली चोरी में अधीक्षण अभियंता के साथ ही अधिशासी अभियंता के निलंबन वापसी की पूरी तैयारी हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक उन्हें भी जांच रिपोर्ट में लगभग क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर के ईई के निलंबन की संस्तुति के आदेश निलंबन वापसी में रोड़ा बन गए। लोकसभा चुनाव में अधिशासी अभियंता उमाकांत चतुर्वेदी को टैंट, बैरिकेडिंग और विद्युत व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, उन्होंने अपनी इस जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभाया। जिसके बाद जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी ऊधमसिंह नगर डॉ. नीरज खैरवाल ने उन्हें निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए उनके निलंबन और दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की थी। बिजली चोरी में निलंबित एसडीओ का प्रभार ऊर्जा निगम प्रबंधन ने जेई को दे दिया है। निगम प्रबंधन के इस फैसले पर अंदरखाने विरोध शुरू हो गया है। बताया जा रहा है, जिस जेई को एसडीओ का प्रभार दिया गया है, वह सीनियरटी लिस्ट में काफी नीचे हैं।

विदित है कि गदरपुर में यशोदा फ्लोर मिल में बिजली चोरी पकड़ में आने के बाद ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्र ने गदरपुर के एसडीओ गिरीश चंद आर्य को निलंबित कर दिया है। उसके स्थान पर विद्युत वितरण खंड रुद्रपुर में कार्यरत अवर अभियंता मेहताब अली को एसडीओ बनाया गया है। उनके एसडीओ बनाने के निगम के फैसले से अंदरखाने विरोध शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि नवनियुक्त एसडीओ वर्ष 2009-10 बैच के हैं और उसने सीनियर कई अभियंता हैं, लेकिन वरिष्ठता क्रम को दरकिनार करते हुए निगम प्रबंधन ने उन्हें एसडीओ का प्रभार दे दिया है। जिससे वरिष्ठता क्रम में काफी ऊपर अभियंताओं में रोष है।  हालांकि अभी तक कोई भी मामले में खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन कभी भी इस पर आक्रोश बाहर आ सकता है। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अभियंता ने बताया कि निगम प्रबंधन के इस फैसले के खिलाफ शीघ्र ही निगम प्रबंधन को पत्र लिखा जाएगा।

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