पटना समाचार : भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऑनलाइन तरीके से बिहार के लोगों को संबोधित कर रहे हैं। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इसे भाजपा के चुनावी अभियान के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है। रैली की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने साफ किया कि इस रैली का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनसंवाद में, जनसंपर्क में विश्वास रखती है। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए लोगों को जोड़ने के लिए है ये रैली। यह ऑनलाइन रैली भाजपा के एक महीने चलने वाले अभियान का हिस्सा है, जिसमें मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया जा रहा है। केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर यह आयोजन हो रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भारत के राजनीतिक इतिहास में यह पहली वर्चुअल रैली है, मैं बिहार के कार्यकर्ताओं का स्वागत करता हूं। मैं कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, करोड़ो कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता हूं।” उन्होंने कहा, “2014 और 2019 में एनडीए को जनादेश देकर सरकार बनाने में योगदान के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूं। जब कभी भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ हुआ, बिहार की जनता से बिगुल बजा।”
अमित शाह ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ लोगों ने थाली बजाकर रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि कोरोना से लड़ने की पीएम नरेन्द्र मोदी की अपील को कुछ लोगों ने देर-सवेर माना।” बिहार भाजपा के नेताओं ने कहा है कि पार्टी ने शाह के भाषण को सुनने के वास्ते अपने कार्यकर्ताओं और लोगों के लिए 72,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर इंतजाम किया है। बिहार जनसंवाद रैली में अमित शाह ने कहा कि ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है। अमित शाह ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि इस रैली का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान से लोगों को जोड़ना है, भाजपा इस तरह की 75 सभाएं करेगी। अमित शाह ने वर्चुअल रैली में कहा कि जिन मुद्दों को 70 वर्षों में छूने की हिम्मत नहीं की गई, उनका मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने राजनीतिक दुष्प्रचार के रूप में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश को एकजुट करने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को खारिज किया, देश ने उनकी अपीलों का पालन किया। अमित शाह ने कहा जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया।