14.2 C
Munich
Friday, April 26, 2024

कांग्रेस-सपा को मजदूरों के मौत का सौदागर बताने पर भड़के राजभर, मंत्री स्वामी प्रसाद से मांगा इस्तीफा

Must read

लखनऊ समाचार : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में हुई मजदूरों की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा-कांग्रेस को मजदूरों की मौत का सौदागर बताया है। मंत्री के बयान पर सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा हमला बोला है। राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्वामी प्रसाद मौर्य को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। राजभर ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘सुई से लेकर जहाज मजदूर, श्रमिक बनाते हैं, और उसी जहाज पर बैठकर अमीर विदेशों तक जाते हैं, यही कोरोना वायरस लेकर आये हैं, किसी मजदूर ने नहीं लाया, वहीं विदेश गए लोग लेकर आये और झेल गरीब मजदूर रहे हैं, हमारे देश के मजदूर भारत को संवारने के लिए अपनी जिंदगी खपा देते है।’

‘‘कोरोना महामारी में महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश अपने घर को लौट रहे है 16 मजदूरों के ऊपर से ट्रेन गुजरी और उन सभी की मौत हो गयी, और यूपी भाजपा सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य उन्हें मौत का सौदागर बता रहे है, शर्मनाक! @MyogiAdityanath जी ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त करो…’‘जिस गरीब मजदूरों के वोट के बल पर विधायक मंत्री बने है, ऐसे लोगो उस जगह बैठने के लायक नही है जो मजदूरों के प्रति इस तरह सोच रखता हो। सरकार मजदूरों के प्रति कितना संवेदनशील है,पैदल मजदूर अपने घर को लौटने को मजबूर है साफ़ पता चल रहा है। सरकार ने इतना फार्मेलिटी बना दिया है कि अनपढ़ गरीब मजदूर कैसे ऑनलाइन आवेदन करेंगे और वह अपने घर को लौट पाएंगे। सरकार कोई साधारण रास्ता तैयार करें हमारे गरीब, मजदूर, के लिए।’ स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को आरोप लगा हुए कहा,’कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का बयान यह दर्शाता है कि वे श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि जो श्रम अधिनियमों में संशोधन अध्यादेश आया है, वो इसीलिए आया है कि आज मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेशों में रह रहे सभी कामगारों, उन प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में लाने का निर्णय लिया ।’​ उन्होंने कहा,’ये भी संकल्प लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश में ही इनको (श्रमिकों को) सेवा में नियोजित भी करेंगे। जो जिस योग्य कामगार है, उसे उसके लायक काम यहीं पर दिलाने की हम व्यवस्था करेंगे। ‘मौर्य ने कहा,’वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए हम लॉकडाउन के चलते बंद उद्योग-कारखानों में पुन: समायोजित करने के लिए अवसर प्रदान करने जा रहे हैं इसलिए कांग्रेस और सपा के बयान से उनका श्रमिक विरोधी चेहरा सामने आया है। उनको मैं भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो श्रमिकों के लिए घडियाली आंसू बहा रहे हैं उनको शायद नहीं पता कि हमने नए निवेश के रास्ते खोलते वक्त श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा है ।’ उन्होंने कांग्रेस और सपा पर तंज किया कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें लेकिन उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वे श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल नहीं चाहते कि श्रमिकों को काम मिले इसलिए अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article