इस्लामाबाद
वित्त मंत्री असद उमर ने दावा किया कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 6 से 8 अरब के राहत पैकेज (बेल आउट पैकेज) पर हस्ताक्षर करने के करीब हैं। आर्थिक संकट से घिरा पाकिस्तान भुगतान संतुलन की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। इससे उसकी अर्थव्यवस्था की स्थिति और खराब होने का खतरा है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा कि आईएमएफ के राहत पैकेज से देश के सिकुड़ते मुद्रा भंडार के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। अमेरिका की यात्रा से लौटे उमर ने वित्त और राजस्व पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में कहा कि हम एक समझौते पर पहुंच चुके हैं। साथ ही उन्होंने सभी बड़े मुद्दों को सुलझाने का दावा किया। वित्त मंत्री ने कहा, आईएमएफ का दल अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राजधानी इस्लामाबाद आएगा। उस दौरान राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जाएगा।
आईएमएफ के साथ राहत पैकेज पर लिखित में सहमति बनी है और सभी नीतिगत मामलों पर हमारा समझौता है। इन मामलों में विनिमय दर, राजकोषीय घाटा, ऊर्जा, सार्वजनिक वित्त और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां शामिल हैं। बताते चलें कि जनवरी के मध्य में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 6.6 अरब डालर पर आ गया था, लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन से अल्पकालीन वित्त पोषण से विदेशी मुद्रा भंडार मार्च के अंत में बढ़कर 10.5 अरब डालर पर पहुंच गया। आईएमएफ ने राहत पैकेज के लिए इमरान सरकार के सामने कई शर्तें रखी हैं। यहां तक कि उसने से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर रिपोर्ट मांगी है। आईएमएफ इस बात की लिखित गारंटी चाहता है कि पाकिस्तान उसके द्वारा मिले पैसे का उपयोग चीन को कर्ज की किश्तें चुकाने में नहीं करेगा।