मुंबई
लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए सुपरस्टार बिहारी बाबू उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा को मुंबई कांग्रेस ने स्टार प्रचारक के तौर पर मौदान में उतारा है। कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद पहली बार बॉलीवुड में शॉटगन के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा मुम्बई में कांग्रेस की रैली में शामिल हुए। संजय निरुपम के लिए मतदाताओं से अपील करने पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा ने इस मौक़े पर यह भी साफ़ किया कि उन्होंने बीजेपी आख़िर क्यों छोड़ी। इस दौरान शत्रुघन सिन्हा के साथ-साथ अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर और मुम्बई कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी छोड़ने की वजह बताते हुए अपने भाषण में कहा कि बीजेपी में स्वर्गीय नानजी देशमुख, अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की वजह से बीजेपी में गया था और मुझे हमेशा लगा कि ये देश को सही दिशा में ले जाएंगे। देश के गौरव, अश्मिता और सुरक्षा के साथ समझौता नही करेंगे। लेकिन अटल बिहारी के जाने के बाद इस पार्टी में लोकशाही तानाशाही में बदलने लगी। पार्टी का घेराव कर डाला और पार्टी कुछ लोगों तक सीमित हो गई।
तानाशाही चलने लगी और पार्टी का मूलरूप ही बदल गया। आज आप देखे तो समझ में आएगा कि कहा है अरुण शौरी, लालकृष्ण आडवाणी जी, यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी कहा गए वो सब जो देश के हित के लिए काम करते है। उन्हें दबा दिया गया है। मैंने सोचा लिया कि मैं ये ज्यादती बर्दाश्त नही करूंगा। किसी हालत में नहीं करूंगा और मैंने आवाज उठाई।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार नोटबन्दी का फैसला लेकर आयी। लेकिन, ऐसा फैसला जिसने सामान्य लोगों को सड़क पर ला दिया और लोगों को पैसों के लिए तरसते देखा, नौजवान आत्महत्या करने लगे। मैंने विरोध में आवाज उठाई तो कहा आप पार्टी के विरुद्ध जा रहे हो। मैंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। नोटबन्दी का फ़ैसला अगर आम सहमति से बनता तो लालकृष्ण आडवाणी को पहले मालूम पड़ता। अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा जी को पहले मालूम पड़ता, लेकिन जब वित्तमंत्री को ही इस फैसले की जानकारी नोटबन्दी के बाद मालूम पड़ी तो ये कहा पार्टी का फैसला था।