गांधीनगर
विधानसभा के चुनाव में शक्ति प्रदर्शन करके अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस के साथ जीने-मरने की कश्में भी खाई थी लेकिन ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी के कांग्रेस के साथ अब बगावत करनी पड़ी। फिलहाल लोकसभा चुनाव के कारण कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर के हित मे निर्णय न लिया कारण कि लोकसभा चुनाव से पहले अगर कांग्रेस निर्णय लेती तो कहीं न कहीं काग्रेस के लिए हानिकारक होता। लोकसभा चुनाव से पहले अल्पेश ठाकोर ने कोंग्रेस के विरोध में बयांन-बाजी कर खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इस बयांन को देखते हुए कोंग्रेस के नेता और दंडक गुजरात विधानसभा सचिव को पत्र देकर अल्पेश ठाकोर का विधायक पद रद्द करने की अर्जी करने पहुँचे।
बताया जा रहा है कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के खिलाफ सियासी जंग खेला जा रहा है जिसके कारण कांग्रेस ने उन्हें विद्यायक पद से हटाने का निर्णय कर लिया है। आपको बता दे कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के पंजे पर गुजरात के राधनपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़े ओर जीतकर आये। फिलहाल कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर को उनके मनचाहे से भी ज्यादा पद दिया और बिहार का प्रभारी भी बनाया। लेकिन अल्पेश ठाकोर अब और कितना बढ़ा पद की आशा थी जिसके कारण वो कांग्रेस से बगावत करने पर उतर आए। व्यसन मुक्ति की छाप पर ठाकोर समाज को मूर्ख बनाकर राजनीति में उतरने वाले अल्पेश ठाकोर अब क्या करेंगे। अब तो ठाकोर समाज भी उनके साथ आने में गवाही नही देगा।कांग्रेस के दंडक अश्विन कोतवाल और बलदेव ठाकोर जो कलोल से कांग्रेस से विद्यायक है उन्होंने बताया कि समाज का पल्लू पकड़ कर अल्पेश ने राजनीति में एंट्री की। कहा जाता है कि अगर अपना आयना गंदा हो तो दूसरे का आयना साफ नही किया करते क्योंकि अपने शीशे से धूल हटेगी तो अपनी ही सच्चाई सामने आएगी।
अल्पेश ठाकोर ने गुजरात के काफी देशी शराब के अड्डो पर जनता रेड की लेकिन अब फिलहाल समाज और कांग्रेस की नजर में साफ रहने वाले अल्पेश ठाकोर पर कांग्रेस ने रेड कर उन्हें उनके पद से हटाने का निर्णय कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले अल्पेश ठाकोर की चर्चा भारतीय जनता पार्टी में जुड़ने की चल रही थी लेकिन ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने भी अल्पेश ठाकोर के साथ कही न कही राजनीति के दावे पैच खेल डाले कारण की अल्पेश ठाकोर ने एक सभा मे हिमतनगर में बनी दुष्कर्म की घटना को लेकर विवादित बयांन दिया जिससे गुजरात मे तमाम परप्रांतीय इलाको में हिंसा की आग दिखाई दी। अगर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अल्पेश ठाकोर को भारतीय जनता पार्टी में स्थान देती है तो भारतीय जनता पार्टी को बिहार और मध्यप्रदेश से वोट नही मिलेंगे, क्योंकि गुजरात के कस्बो में गुजर कर रहे परप्रांतीय लोगों को उनके घरों से निकाल कर क्षत्रिय ठाकोर सेना के गुंडों ने मारा था जिससे हजारों की तादाद में परप्रांतीय लोग गुजरात से पलायन करने पर मजबूर हुए थे।
10 हजार से भी ज्यादा उत्तर भारतीय लोग गुजरात से पलायन कर चले गए जब कहि गुजरात सरकार ने इस मामले में तपास करना शुरू किया और अपनी वोट बैंक मजबूत करने के लिए परप्रांतीय लोगो की नजर में भारतीय जनता पार्टी साफ सुथरी रही। लेकिन अब देखना ये है कि पक्ष पलट करने के बाद अल्पेश ठाकोर अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे लेकिन क्या सबूत है कि जो अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के साथ किया वो फिर भाजपा के साथ नही करेंगे?
गांधीनगर
विधानसभा के चुनाव में शक्ति प्रदर्शन करके अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस के साथ जीने-मरने की कश्में भी खाई थी लेकिन ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी के कांग्रेस के साथ अब बगावत करनी पड़ी। फिलहाल लोकसभा चुनाव के कारण कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर के हित मे निर्णय न लिया कारण कि लोकसभा चुनाव से पहले अगर कांग्रेस निर्णय लेती तो कहीं न कहीं काग्रेस के लिए हानिकारक होता। लोकसभा चुनाव से पहले अल्पेश ठाकोर ने कोंग्रेस के विरोध में बयांन-बाजी कर खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इस बयांन को देखते हुए कोंग्रेस के नेता और दंडक गुजरात विधानसभा सचिव को पत्र देकर अल्पेश ठाकोर का विधायक पद रद्द करने की अर्जी करने पहुँचे।
बताया जा रहा है कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के खिलाफ सियासी जंग खेला जा रहा है जिसके कारण कांग्रेस ने उन्हें विद्यायक पद से हटाने का निर्णय कर लिया है। आपको बता दे कि अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के पंजे पर गुजरात के राधनपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़े ओर जीतकर आये। फिलहाल कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर को उनके मनचाहे से भी ज्यादा पद दिया और बिहार का प्रभारी भी बनाया। लेकिन अल्पेश ठाकोर अब और कितना बढ़ा पद की आशा थी जिसके कारण वो कांग्रेस से बगावत करने पर उतर आए। व्यसन मुक्ति की छाप पर ठाकोर समाज को मूर्ख बनाकर राजनीति में उतरने वाले अल्पेश ठाकोर अब क्या करेंगे। अब तो ठाकोर समाज भी उनके साथ आने में गवाही नही देगा।कांग्रेस के दंडक अश्विन कोतवाल और बलदेव ठाकोर जो कलोल से कांग्रेस से विद्यायक है उन्होंने बताया कि समाज का पल्लू पकड़ कर अल्पेश ने राजनीति में एंट्री की। कहा जाता है कि अगर अपना आयना गंदा हो तो दूसरे का आयना साफ नही किया करते क्योंकि अपने शीशे से धूल हटेगी तो अपनी ही सच्चाई सामने आएगी।
अल्पेश ठाकोर ने गुजरात के काफी देशी शराब के अड्डो पर जनता रेड की लेकिन अब फिलहाल समाज और कांग्रेस की नजर में साफ रहने वाले अल्पेश ठाकोर पर कांग्रेस ने रेड कर उन्हें उनके पद से हटाने का निर्णय कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले अल्पेश ठाकोर की चर्चा भारतीय जनता पार्टी में जुड़ने की चल रही थी लेकिन ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने भी अल्पेश ठाकोर के साथ कही न कही राजनीति के दावे पैच खेल डाले कारण की अल्पेश ठाकोर ने एक सभा मे हिमतनगर में बनी दुष्कर्म की घटना को लेकर विवादित बयांन दिया जिससे गुजरात मे तमाम परप्रांतीय इलाको में हिंसा की आग दिखाई दी। अगर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अल्पेश ठाकोर को भारतीय जनता पार्टी में स्थान देती है तो भारतीय जनता पार्टी को बिहार और मध्यप्रदेश से वोट नही मिलेंगे, क्योंकि गुजरात के कस्बो में गुजर कर रहे परप्रांतीय लोगों को उनके घरों से निकाल कर क्षत्रिय ठाकोर सेना के गुंडों ने मारा था जिससे हजारों की तादाद में परप्रांतीय लोग गुजरात से पलायन करने पर मजबूर हुए थे।
10 हजार से भी ज्यादा उत्तर भारतीय लोग गुजरात से पलायन कर चले गए जब कहि गुजरात सरकार ने इस मामले में तपास करना शुरू किया और अपनी वोट बैंक मजबूत करने के लिए परप्रांतीय लोगो की नजर में भारतीय जनता पार्टी साफ सुथरी रही। लेकिन अब देखना ये है कि पक्ष पलट करने के बाद अल्पेश ठाकोर अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे लेकिन क्या सबूत है कि जो अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के साथ किया वो फिर भाजपा के साथ नही करेंगे?