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Saturday, April 27, 2024

हर लोकसभा चुनाव में बढ़ती जा रही उम्मीदवारों की संख्या

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चंडीगढ

लोकतंत्र की मजबूती के लिए जहां नागरिकों में मतदान के लिए चुनाव-दर-चुनाव जागरूकता बढ़ती जा रही है, वहीं इन चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। भारतीय चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में जहां देशभर में लोकसभा की 543 सीटों के लिए 4648 उम्मीदवार मैदान में थे, वहीं वर्ष 2004 के चुनाव में इनकी संख्या 5435, वर्ष 2009 के चुनाव में 8070 तथा वर्ष 2014 के पिछले चुनाव में इनकी संख्या 8251 तक पहुंच गई।

पंजाब राज्य में भी यही स्थिति रही है। राज्य की 13 लोकसभा सीटों के लिए जहां वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या 120 थी, वहीं वर्ष 2004 के चुनाव में इनकी संख्या 142, वर्ष 2009 के चुनाव में 218 तथा वर्ष 2014 के पिछले चुनाव में उम्मीदवारों की कुल संख्या 253 हो गई। आंकड़ों के अनुसार उम्मीदवारों की संख्या में इस वृद्धि का मूल कारण चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिए आजाद उम्मीदवारों का बड़ी संख्या में मैदान में उतरना है, क्योंकि अपनी जमानत राशि जब्त होने से बचाने के बजाय किसी उम्मीदवार विशेष के वोट काटना इनका मुख्य मकसद रहता है।

चुनाव आयोग के आंकड़े गवाह हैं कि 1999 व उसके बाद के सभी लोकसभा चुनावों में आजाद उम्मीदवारों ने हमेशा अपनी जमानत जब्त करवाई है। पिछला लोकसभा चुनाव एक मात्र अपवाद है जब कुल 118 आजाद उम्मीदवारों में से एक को छोड़कर शेष सभी की जमानत राशि जब्त हुई थी। इससे पहले जितने भी आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान उतरे, उनकी जमानत जब्त होती रही।

Gujarati samachar

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