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Thursday, March 13, 2025

सोनभद्र में पौधों की देखभाल की कमी से ज़्यादातर पौधे सूख रहे, 'सीएम डैशबोर्ड'

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सोनभद्र में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन देखभाल की कमी से ज़्यादातर पौधे सूख जाते हैं. इससे सरकारी प्रयासों को झटका लगा है और जिले की रैंकिंग खराब हो रही है.

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यूपी के इस जनपद में डराने लगा है घटना वन क्षेत्र का आंकड़ा

हाइलाइट्स

  • सोनभद्र में पौधों की देखभाल की कमी से ज़्यादातर पौधे सूख जाते हैं.
  • वन विभाग की रैंकिंग ‘ई’ ग्रेड होने से जिले की कुल रैंकिंग प्रभावित हो रही है.
  • पौधों की निगरानी ‘सीएम डैशबोर्ड’ पर की जा रही है.

सोनभद्र: जहां सबसे ज़्यादा जंगल हैं, वहां हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं. हरियाली बढ़ाने के लिए अभियान चलाकर भी पौधे लगाए जा रहे हैं. लेकिन देखभाल न होने से ज़्यादातर पौधे कुछ ही महीनों में सूख जाते हैं. इससे सरकार की कोशिशों को झटका लगा है. सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए पौधों के सूखने से जिले की रैंकिंग दो महीने से खराब बनी हुई है. वन विभाग की रैंकिंग ‘ई’ ग्रेड होने से जिले की कुल रैंकिंग भी प्रभावित हो रही है. जिम्मेदार एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. साल 2024-25 में सोनभद्र में 1 करोड़ 55 लाख 46 हजार 728 पौधे लगाने का लक्ष्य था. रेणुकूट, ओबरा और सोनभद्र रॉबर्ट्सगंज वन विभाग ने 88 लाख 55 हजार 116 पौधे लगाए. शिक्षा, कृषि, उद्यान, उद्योग, श्रम, लोक निर्माण, पंचायती राज, स्वास्थ्य समेत दूसरे विभागों ने 66 लाख 91 हजार 612 पौधे लगाए.

ज़्यादातर पौधे सूख गए
वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों में से 7 प्रतिशत सूख गए हैं. लेकिन दूसरे विभागों द्वारा लगाए गए ज़्यादातर पौधे भी देखभाल न होने से सूख गए हैं. जुलाई में 11 दिनों तक चले पौधारोपण अभियान में ग्राम पंचायतों में सबसे ज़्यादा पौधे लगाए गए थे. कहीं ग्राम वन वाटिका, तो कहीं सड़क किनारे और सार्वजनिक जगहों पर पौधे लगाए गए. लेकिन देखभाल न होने से ज़्यादातर पौधे सूख गए हैं. सरकार द्वारा लगाए गए पौधों की निगरानी ‘सीएम डैशबोर्ड’ पर की जा रही है.

सोनभद्र में सबसे ज़्यादा जंगल हैं
इतिहासकार दीपक केसरवानी ने बताया कि सोनभद्र में सबसे ज़्यादा जंगल हैं, लेकिन जिस तरह से जंगलों का दोहन हो रहा है और लोग पौधे लगाने से कतरा रहे हैं, वह चिंता का विषय है. जिस तरह से जंगलों की कटाई हो रही है और पौधों के प्रति लोगों की रूचि कम हो रही है, वह चिंताजनक है. पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए लोगों को वन संरक्षण और वृक्षारोपण के प्रति जागरूक होना होगा.

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सोनभद्र में पौधों की देखभाल की कमी से ज़्यादातर पौधे सूख रहे, ‘सीएम डैशबोर्ड’



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