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Sunday, March 23, 2025

माइग्रेन, खांसी और जोड़ों के दर्द से हैं परेशान? राहत दिलाएगा ये पेड़, जान लें इसके जबरदस्त फायदे

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शिरीष यानी लेबैक एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है जो जोड़ों के दर्द, माइग्रेन, एलर्जी और पाचन समस्याओं में राहत देती है. इसकी छाल, फूल, बीज, जड़ और पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं.

औषधीय गुणों से भरपूर है ये पेड़.

हाइलाइट्स

  • शिरीष माइग्रेन और जोड़ों के दर्द में राहत देता है.
  • शिरीष की छाल, फूल, बीज, जड़ और पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर हैं.
  • शिरीष पाचन तंत्र को मजबूत करता है और खांसी में राहत दिलाता है.

आज के समय में बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक औषधियां बताई गई हैं, जिनमें शिरीष (लेबैक) एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह न केवल जोड़ों के दर्द से राहत देता है बल्कि माइग्रेन जैसी जटिल समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है.

शिरीष का पेड़ गर्मी के मौसम में खिलता है और मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है. यह बड़ा और छाएदार पेड़ होता है, जिसकी शाखाओं पर पीले रंग के फूल खिलते हैं. इसके फल सेम के समान दिखाई देते हैं. इसकी सबसे खास बात यह है कि चाहे तेज आंधी हो, लू चल रही हो या प्रचंड गर्मी हो, यह पेड़ हर मौसम में अपनी कोमलता और सुंदरता बनाए रखता है.

औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ
आयुर्वेद में शिरीष को एक प्रभावी औषधि माना गया है. यह वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है. इसकी छाल, फूल, बीज, जड़ और पत्ते सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इसके विभिन्न भागों का उपयोग अलग-अलग बीमारियों के उपचार में किया जाता है.  शिरीष को माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसका सेवन करने से सिरदर्द में राहत मिलती है. इसकी छाल और पत्तों का उपयोग गठिया और अन्य प्रकार के जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है. शिरीष के पत्तों और छाल का लेप त्वचा पर लगाने से एलर्जी, खुजली और अन्य संक्रमणों से राहत मिलती है. इसके रस को आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है, वहीं कान के दर्द में भी इसका उपयोग लाभकारी होता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और खांसी, अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है.

शिरीष की विभिन्न प्रजातियां
शिरीष की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन इनमें लाल शिरीष, काला शिरीष और सफेद शिरीष प्रमुख रूप से औषधीय उपयोग में लाई जाती हैं. इसका वैज्ञानिक नाम ऐल्बिजिया लैबैक (Albizia Lebbeck) है और यह माइमोसेसी कुल का पौधा है. आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है और इसके सही उपयोग से हेल्थ अच्छी रहती है.

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