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BRS (भारत राष्ट्र समिति) की नेता के. कविता ने कथित आबकारी नीति घोटाले (Excise Policy case) से जुड़े मामले में जमानत के लिए गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार 10 मई को को जस्टिस स्वर्णकांता करेंगी। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने 6 मई को कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसी आदेश को चुनौती देते हुए कविता ने हाई कोर्ट का रुख किया है। ट्रायल कोर्ट ने घोटाले के संबंध में CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में भी कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के एक दिन बाद यानी 7 मई को दिल्ली की अदालत ने कविता की न्यायिक हिरासत 14 मई तक बढ़ा दी थी। कविता को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मंगलवार को सीबीआई और ईडी मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया था।
इस कथित घोटाले से जुड़े मामलों की जांच दोनों एजेंसियां (CBI और ED) कर रही हैं। 6 मई को कविता की जमानत याचिका खारिज करते हुए CBI और ED अदालत की विशेष जज कावेरी बावेजा ने कहा था कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सामग्री प्रतीत होती है। उन्होंने कहा था, ‘दलीलों और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री और अभियुक्त के खिलाफ आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर यह अदालत इस स्तर पर आवेदक को जमानत देने की इच्छुक नहीं है।’
न्यायाधीश ने कहा था, ‘हालांकि, आरोपी के फरार होने का जोखिम नहीं है, लेकिन गवाहों को धमकाने के संबंध में उनके आचरण और इस आशंका को देखते हुए कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते इस मामले के अन्य गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती हैं, आरोपी इस स्तर पर रिहा होने की हकदार नहीं हैं।’
जबकि कविता के वकील नितेश राणा द्वारा दायर आवेदन में दावा किया गया था कि आरोपी से आगे की जांच की आवश्यकता नहीं है और उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद में कविता (46) के बंजारा हिल्स स्थित आवास से उन्हें गिरफ्तार किया था। CBI ने उन्हें न्यायिक हिरासत से अपनी गिरफ्त में लिया था।