10.6 C
Munich
Friday, May 17, 2024

रंग बताएगा शहद की असली पहचान? वैज्ञानिक की इस सलाह से चुटकियों में संशय होगा दूर, आप भी आजमाएं 

Must read


रिपोर्ट-अमित कुमार
समस्तीपुर. शहद का नाम सुनते ही मुंह में मीठा मीठा स्वाद आने लगता है. शहद सेहत के लिए बेहद लाभदायक है. फूलों के रस से बनने वाला शहद जीवन में भी फूलों सा सौंदर्य और मिठास ला सकता है. लेकिन मिलावट के इस दौर में शहद असली है या नकली. इसकी पहचान बहुत जरूरी है. जिसे आप असली समझकर सेहत सुधारने के लिए खा रहे हैं वो कहीं नकली माल तो नहीं. इसलिए शहर खरीदने से पहले असली नकली की पहचान जरूर कर लें.

अगर आप भी बाजार से शहद खरीदने जा रहे हैं तो रंग के आधार पर शहद की पहचान करने में आपको दिक्कत आ सकती है. हम आपको शहद की पहचान का सही तरीका बता रहे हैं. इसे पढ़ने के बाद आप शहद को आसानी से पहचान सकेंगे. शहद सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. खांसी और सर्दी के इलाज में इसकी उपयोग के अलावा, शहद का उपयोग कई अन्य बीमारियों और सौंदर्य प्रसाधन के लिए भी किया जाता है. हालांकि, ऐसे उदाहरण हैं जहाँ ग्राहक अनजाने में प्राकृतिक शहद के बजाय कृत्रिम शहद खरीद लेते हैं.

असली-नकली की पहचान
असली नकली दोनों के बीच अंतर करने के लिए एक सरल विधि तैयार की है. गर्म पानी का उपयोग करके शहद की शुद्धता निर्धारित की जा सकती है. बस एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं. अगर शहद गिलास के तली में जम जाए तो उसे असली माना जाता है. यदि शहद पानी में आसानी से घुल जाता है, तो संभवतः यह मिलावटी है. अगर आप चाहें तो शहद की शुद्धता का निर्धारण अग्नि परीक्षण से भी किया जा सकता है. अगर शहद मिलावटी है तो आग के संपर्क में आने पर यह धीरे-धीरे जलेगा. इस परीक्षण को करने के लिए, एक मोमबत्ती जलाएं और एक छड़ी के चारों ओर रुई लपेटें, फिर उस पर शहद लगाएं. इसे मोमबत्ती की लौ पर रखें. यदि इसे जलने में थोड़ा समय लगता है, तो जान लीजिए कि आपके शहद में पानी मिला है.

रंग से पहचानें कौन से फूल का शहद
समस्तीपुर जिले के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मधुमक्खी पालन डिपार्टमेंट के विशेषज्ञ डॉ नागेंद्र कुमार तो शहद का रंग देखकर बता देते हैं कि ये कौन से फूल का है. उन्होंने बताया अगर जामुन के फूल से मधुमक्खी ने शहद तैयार किया है तो उसका रंग बैगनी दिखेगा. लीची के फूल से तैयार शहर का कलर गोल्डन दिखता है. उन्होंने कहा मधु दो तरह का होता है एक मेडिसिनल और एक नॉर्मल. जामुन और तुलसी के फूल से अगर मधुमक्खी ने शहद तैयार किया हो तो वह औषधीय गुण से भरपूर होता है. उन्होंने यह भी कहा शहद का सेवन नियमित करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

Tags: Food business, Health benefit, Local18, Medicinal Farming, Samastipur news



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article