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Friday, May 10, 2024

किसी भी महिला पर शादी या प्यार के लिए नहीं डाला जा सकता दबावः मद्रास HC

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चेन्नई

एक महिला अगर किसी व्यक्ति से शादी करने से इनकार करती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्ति आवेश में आकर उस पर हमला करे। वह किसी और तरह से स्थिति को संभाल सकता है। यह बात मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कही। यह सुनवाई एक आरोपी की जमानत को लेकर थी। हाई कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि आरोपी की काउंसलिंग कराई जाए।

हाई कोर्ट में कविन नाम के आरोपी की तरफ से जमानत याचिका दायर की गई थी। कविन को पुलिस ने अपनी गर्लफ्रेंड के शादी से इनकार के बाद हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जस्टिस एन आनंद वेंकटेस ने अपने आदेश में कहा, कोर्टों को भी इस तरह के मामले में दया नहीं दिखानी चाहिए। इस व्यक्ति ने जुर्म किया है, शादी से इनकार करने पर किसी लड़की पर चाकू से हमला किया है। अगर लड़की ने शादी से इनकार किया तो लड़के को यह अधिकार नहीं है कि वह लड़की पर हमला करे। कोर्ट ने कहा, यह पहला ऐसा केस नहीं है जिसमें प्रेमी ने किसी लड़की पर जानलेवा हमला किया है। शादी से इनकार के बाद लड़कियों पर चाकू से हमला करने के कई केस सामने आते हैं। लगभग हर रोज इस तरह की घटनाएं होती हैं। लड़कों को लगता है कि वह शादी का प्रस्ताव रखें और लड़कियों को उसे स्वीकार कर लेना चाहिए। अगर लड़की मना करेगी तो वह इस तरह का कदम उठाएंगे, लड़की पर जानलेवा हमला करेंगे।

लड़कियों को जला देंगे। जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अब समय आ गया है जब कोर्टों को समाज की मानसिकता में बदलाव लाना होगा। इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं क्योंकि एक आदमी को लगता है कि महिला उसकी संपत्ति है और उसे वही कहना होगा जो वह चाहता है। इस तरह की मानसिकता को बदलना है और किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला को प्यार या शादी करने के लिए मजबूर करे।

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