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भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद दिलीप संघाणी विश्व की सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव संस्था इफको के दोबारा अध्यक्ष चुने गए हैं जबकि बलवी सिंह वाइस चेयरमैन बने हैं। 2021 में इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई के निधन के बाद दिलीप संघाणी 2022 में पहली बार इफको चेयरमैन चुने गए थे। इफको बोर्ड का कार्यकाल पांच साल का होता है। इफको निदेशक मंडल के लिए 15वीं प्रतिनिधि महासभा के चुनाव में 36000 से अधिक सहकारी समितियों के सदस्यों की सहभागिता रही।
मार्च के महीने में शुरू की गई एक व्यापक कवायद में दिलीप संघाणी अध्यक्ष और बलवीर सिंह उपाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए। निदेशक के 21 पदों के लिए 9 मई 2024 को इफको कॉरर्पोरेट कार्यालय, दिल्ली में संपन्न चुनावों में जगदीप सिंह नकई, उमेश त्रिपाठी, प्रह्लाद सिंह, बलवीर सिंह, रामनिवास गढ़वाल, जयेश रदाड़िया, ऋषिराज सिंह सिसोदिया, विवेक बिपिनदादा कोल्हे, सिमाचल पाढ़ी, के श्रीनिवास गौड़ा, एस शक्तिकवेल, प्रेम चंद्र मुंशी, वर्षा एल कस्तूरकर, दिलीप संघाणी, सुधांश पंत, आलोक कुमार सिंह, जे. गणेशन, एम.एन. राजेंद्र कुमार, पी.पी. नागी रेड्डी, बाल्मिकी त्रिपाठी और मारा गंगा रेड्डी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से निदेशक मंडल के सदस्य चुने गए।
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चुनाव पोर्टल के लॉन्च के साथ चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। चुनाव की जटिल प्रक्रिया दो महीने तक चली। नई चुनाव प्रणाली मील का पत्थर साबित हुई जिसमें आवेदन जमा करने या नामांकन दाखिल करने के लिए दिल्ली में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुए। उन्होंने अध्यक्ष दिलीप संघाणी, उपाध्यक्ष बलवीर सिंह और निदेशक मंडल के सभी सदस्यों को समिति में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय सहभागिता हेतु सभी सहकारी समितियों और मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।