पटना
भारतीय रेल प्रशासन के द्वारा सफर के दौरान यात्रियों को हर प्रकार की सुविधा देने के दावे किए जाते हैं। इन दावों की पोल खोलता एक मामला सामने आया है जहां रेल प्रशासन की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया। समय पर इलाज न मिलने के कारण जच्चा-बच्चा की ट्रेन में ही मौत हो गई। मामला डाउन मगध एक्स्प्रेस 20802 ट्रेन के बोगी नम्बर S-6 का है जो दिल्ली से चल कर इस्लामपुर तक जाती है। बताया जा रहा है कि मधुबनी जिला के बाबुबरही निवासी मोहम्मद मोजाहिद की 25 वर्षीय पत्नी नसिमा खातून आठ माह की गर्भवती थी और पीलिया रोग से ग्रसित थी। उसके इलाज के लिए मोहम्मद मोजाहिद दिल्ली आए थे। वह मगध ट्रेन से वापस अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान लाहाबाद स्टेशन आने के पहले ही गर्भवती नसिमा की हालत बिगड़ने लगी।
महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन और सफर कर रहे यात्री लगातार रेल हेल्पलाइन पर फोन कर रेल अधिकारियों से मदद की गुहार लगाते रहे। अधिकारी महिला के परिजनों को टालते रहे। ट्रेन में किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा न मिलने पर सफर कर रहे एक यात्री चिकित्सक ने गर्भवती की मदद करते हुए उसके पेट से बच्चे को निकाला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ट्रेन जैसे ही प्रयागराज स्टेशन से निकली, उसी दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद भी किसी स्टेशन की जीआरपी या पुलिस ने मृतक महिला या उसके परिवार की सुध नहीं ली। घटना के बाद से महिला के पति और उसके 5 वर्षीय बेटे का बुरा हाल है। मृतिका के पति ने बताया ने महिला की तबीयत बिगड़ने पर टीटीई ने सीट मुहैया करवाने के नाम पर 1500 रूपए वसूले थे। इसके बाद भी उसने किसी प्रकार की मदद नहीं की।