कृष्णा कुमार गौड़/जोधपुर: आपको यह जानकार और सुनकर हैरानी तो जरूर होगी कि मुंह के कैंसर के लिहाज से देश के अंदर राजस्थान तीसरे नंबर पर आता है. यानि की राजस्थान की 40 प्रतिशत जो आबादी है वह मुंह के कैंसर से प्रभावित है.आपको बता है कि मुंह का कैंसर केवल गुटका,बीडी,सिगरेट और तम्बाकु से ही नही होता बल्कि लम्बे समय तक आपको मुंह किसी प्रकार का अगर छाला रह जाता है और वह ठीक नही होता तो वह भी धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले सकता है जिसके चलते भी आप मुंह के कैंसर के शिकार हो सकते है.
मगर जोधपुर के एक समाजसेवी और दंत चिकित्सक डॉ वीडी जोशी ने कई वर्षो तक गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में अभियान चलाकर लोगो को गुटखा छुडाने के लिए शिविर लगाकर जागरूक करने का काम किया है. डॉ वीडी जोशी ने लोकल 18 से बातचीत करते कहा कि राजस्थान में बात की जाए तो 40 प्रतिशत व्यक्ति मुंह के कैंसर से पीड़ित है जिसका सबसे बड़ा कारण उसकी स्वयं की गलतियां है जो उसको सुधारने की जरूरत है. वहीं डॉ आशिष के पिता जो कि 43 सालों से दंत चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है और लोगो को जागरूक करने के लिए विशेष रूप से नि:शुल्क कैंप भी लगाते है ताकि लोगो को इससे बचाया जा सके.
मुंह में छाला ले सकता है कैंसर का रूप
मुंह के अंदर छाले होना यू तो सामान्य बात लगती है,लेकिन कई बार यह समस्या इस कदर बढ जाती है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन जाती है. मुंह के छाले यानि की माउथ अल्सर यूं तो एक बहुत ही सामान्य परेशानी है,लेकिन इसे नजर अंदाज करना जानलेवा भी साबित हो सकता है. क्योंकि किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. इसके कई कारण हो सकते है जिनका सही उपचार इनसे मुक्ति दिला सकता है.
जोधपुर के जाने माने दंत चिकित्सक डॉ आशिष जोशी की माने तो राजस्थान में 40 प्रतिशत लोग है जो मुंह के कैंसर से प्रभावित है. ऐसे में इसका मुख्य कारण तो उनकी गलत आदते है ही कुछ अन्य कारण भी है जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है. आशिष जोशी का कहना है कि मुंह के अंदर लम्बे समय तक अगर कोई छाला रह जाता है तो 50 से 60 प्रतिशत तक यह मुमकिन है कि वह कैंसर का रूप ले सकता है. ऐसे में कई लोग यह सोचते है कि उनको किसी प्रकार की कोई आदत नही है तो उनको मुंह का कैंसर कैसे हो सकता है.
10 हजार मरीजों को दे चुके राहत
डॉ वीडी जोशी ने कहा कि यह दवाई 20 सालों तक मेरे ही नाम से पेटेंट रहेगी. 20 सालों तक इस कंपोजिशन से कोई दवाई नही बना सकता. अधिक से अधिक लोगो को इसका लाभ मिले मेरा यही उद्देश्य है क्योकि परिवार के एक सदस्य को अगर कैंसर हो जाता है तो उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। हमारी कोशिश रहेगी की ज्यादा से ज्यादा लोगो तक यह दवाई पहुंचे.अब तक 10 हजार मरीजों पर इसका इस्तेमाल कर उनको राहत पहुंचाने का काम किया है। यह दवाई सबसे ज्यादा श्रीलंका और सउदी अरब में एक्सपोर्ट हो सकती है वहां इस तरह की परेशानी ज्यादा रहती है.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 10:51 IST