वाशिंगटन
फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका मामले का भंडाफोड़ करने वाली पत्रकार कैरोल कैडवलाडर ने आरोप लगाया है कि फेसबुक ने यूजर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई उपाय नहीं किया है। कैरोल ने ब्रिटिश संसद में सफाई देने के लिए न आने को लेकर भी फेसबुक(FB) के फाउंडर मार्क जकरबर्ग की भी आलोचना की। पिछले साल की शुरुआत में फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल का खुलासा हुआ था। राजनीतिक कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के करीब 8.7 करोड़ यूजर्स के डेटा चुराए थे। इसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया था।
कैरोल कैडवलाडर ने फेसबुक और ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों को चुनौती दी कि वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होकर उन पर लगे आरोपों पर अपनी सफाई दें। हालांकि ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी इसी सप्ताह ऐसे ही एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। इस मामले में ब्रिटिश संसद द्वारा समन किए जाने पर पेश न होने को लेकर भी कैरोल ने फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग की आलोचना की। कुछ कंपनियां खुद को सिलिकॉन भगवान समझने लगी हैं। ये कई देशों में चुनाव को प्रभावित भी कर रही हैं। लेकिन जब उनको समन किया जाता है तो वह पेश भी नहीं होते।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि सोशल मीडिया फेसबुक पर फेक न्यूज और हिंसक कंटेंट की निगरानी करना अकेले कंपनियों के बस की बात नहीं है। दुनियाभर की सरकारें इसमें सक्रिय भूमिका अदा कर सकती हैं। मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि सरकारों को हानिकारक कंटेंट, चुनाव से जुड़ी सामग्री, निजता और डेटा पोर्टेबिलिटी को लेकर नियम बनाने चाहिए और इन्हें लागू कराने की जिम्मेदारी रेगुलेटरों पर होनी चाहिए। फेसबुक पर आरोप लगता रहा है कि वह फेक न्यूज और हिंसक कंटेंट के प्रसार पर लगाम लगाने में नाकाम रहा है। हलांकि फेसबुक ने कई बाद दावा किया कि वह इस दिशा में काम कर रही है।