गुवाहाटी
गुवाहाटी के सतारा पंत द्वारा संचालित एक स्कूल के हेडमास्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। हेडमास्टर पर आरोप है कि उसने 500 वर्षीय नव-वैष्णव प्रथा की अवहेलना करते हुए स्कूल के 17 छात्रों के बाल काट दिए। हेडमास्टर का कहना है कि छात्रों को कई बार सतारा रीति के हिसाब से बालों को बांधकर आने के लिए कहा गया था लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे थे, जिसके कारण उनके बाल काटे गए। सतारा अनुयायी या वैष्णव पंत को मानने वाले अपने बाल किसी आर्टिफिशल चीजों का प्रयोग किए लंबे करते हैं। कहा जाता है कि यह रिवाज 16वीं सदी से निभाया जा रहा है,
जब वैष्णव सुधारक श्रीमंता शंकरदेव मजुली में अपने के शिष्यों के साथ आए थे और सतारा पंत की स्थापना की थी। नदी के द्वीप पर बसे मजुली में चार मुख्य सतारा हैं। मजुली के कमलाबरी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में स्कूल प्रशासन के किलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। मजुल के डीसी देबप्रसाद मिश्रा ने कहा कि स्कूल के 17 बच्चों के माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटों के बाल हेडमास्टर के निर्देश के बाद जबरन काट दिए गए।
अगर छात्रों ने कोई अनुशासनहीनता की थी तो हेडमास्टर को उनके पैरंट्स से शिकायत करनी चाहिए थी। इस तरह से छात्रों के बाल काटना ठीक नहीं है। कुछ अभिभावकों और सतारा पंत के फॉलोअर्स की भी शिकायत है कि छात्रों के बाल काटने से पहले उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। डीसी ने कहा कि क्योंकि वैष्णव फॉलोअर्स सतारा पंत का बहुत सख्ती से पालन करते हैं इसलिए यह मामला सतारा मैनेंजमेंट से बात करके ही निपटाया जा सकता है।