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Sunday, May 5, 2024

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की प्रथम लाभार्थी को नहीं मिला इलाज

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करनाल

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की देश की पहली प्रथम लाभार्थी करिश्मा पिछले 15 दिन से बीमारी से पीड़ित है लेकिन अस्पतालों में उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैा जिसके चलते आठ महीने की करिश्मा को उसके पिता अमित व माता मौसमी 15 दिनों से प्राइवेट अस्पताल से लेकर कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के चक्कर काट रहे थे। लेकिन करिश्मा को इलाज नहीं मिल रहा। बताया जा रहा है कि कल भी वीरवार को पूरा दिन ‌करिश्मा को उसके माता पिता कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां भी उसकी किसी ने नहीं सुनी और इलाज के लिए भटकते रहे लेकिन उसे इलाज नहीं मिला। ‌

करिश्मा के पिता ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को करिश्मा का योजना का बना हुआ कार्ड भी दिखाया और बताया कि उसकी बेटी को सबसे पहले इस योजना का लाभ मिला था। वहीं बेटी की तबियत ज्यादा बिगड़ती देख करिश्मा के मां बाप सुबह उसे इंद्री के सरकारी हसपताल में लेकर पहुंचे जहां करिश्मा का इलाज शुरू हुआ। जिसके बाद करिश्मा के पिता का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना तो अच्छी है लेकिन उनकी बेटी के लिए किसी काम की नहीं है क्योंकि जिस हसपताल में उनकी बेटी हुई वहीं पर उसकी किसी डॉक्टर ने सुध नहीं ली तो ऐसी योजना किस काम की है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को 5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा मिलता है ये योजना वैसे तो 23 सितंबर 2018 से शुरू हुई थी, लेकिन अगस्त के महीने में हरियाणा में इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया था। इस योजना के तहत करनाल के इंद्री के गांव घीसरपड़ी निवासी मौसमी का योजना कार्ड बनया गया। जिसके बाद 15 अगस्त 2018 को मौसमी की डिलिवरी कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया। इस दौरान अस्पताल के विभाग ने ही इस बेटी का नाम करिश्मा रखा। पूरे देश में इस बेटी को ही आयुष्मान भारत के तहत सबसे पहले जो 9 हजार रुपए का लाभ मिला था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद इस बेटी को आशीर्वाद दिया था। लेकिन उसके बाद अब बीमारी के समय पर पीड़ितों को अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे है।

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