जेनेवा
खाद्यान्न संकट से जूझ रहे उत्तर कोरिया ने नागरिकों को मिलने वाले राशन में भारी कटौती की है। अब उन्हें प्रतिदिन सिर्फ 300 ग्राम अनाज ही दिया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का कहना है कि देश में पहली बार राशन में इतनी बड़ी कटौती की गई है। इसे और भी घटाया जा सकता है। उत्तर कोरिया लंबे समय से खाद्य पदार्थो की कमी से जूझता रहा है। पिछले साल तूफान और बाढ़ जैसी आपदाओं के चलते अनाज उत्पादन घटकर 49 लाख टन रह गया था। यह पिछले एक दशक में सबसे कम था। इसकी वजह से उत्तर कोरिया के एक करोड़ से ज्यादा लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं।
इनमें 26 लाख किसान और 75 लाख ऐसे लोग शामिल हैं जो राशन के लिए सरकार पर ही निर्भर रहते हैं। खाद्य उत्पादन में गिरावट से परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के चलते अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे उत्तर कोरिया की स्थिति गंभीर हो गई है। खराब मौसम और ईंधन व खाद की कमी के कारण इस साल की फसल में भी नुकसान की आशंका है।
29 मार्च से 12 अप्रैल के बीच हुए सर्वे के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) का कहना है कि देश के 1.01 करोड़ लोगों के पास अगली फसल तक के लिए भी अनाज नहीं है। डब्ल्यूएफपी और यूएन के खाद्य व कृषि संगठन द्वारा किए गए साझा अध्ययन के अनुसार उत्तर कोरिया के परिवार मुश्किल से साल में दो-चार बार ही प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ ले पाते हैं।