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गुजरात कांग्रेस के एक नेता और राजकोट के पूर्व विधायक इंद्रनील राजगुरू अपनी एक टिप्पणी को लेकर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में ऐसा कुछ कह दिया कि विवाद हो गया। इसके बाद राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने भी उन पर जोरदार हमला बोला है। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे राहुल गांधी की तारीफ करते हुए गांधीजी को ‘चालाक’ बता रहे हैं। इसी बात को लेकर उनकी जमकर आलोचना हो रही है।
इंद्रनील ने यह टिप्पणी 1 मई को राजकोट की दूधसागर रोड पर एक सभा को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी साफ दिल वाले और स्पष्टवादी हैं और उनमें लोग अगले महात्मा गांधी को देखते हैं।
सभा में राजगुरू ने कहा, ‘अगर आप चाहें तो मेरे शब्दों को लिख लीजिए, आने वाले दिनों में राहुल गांधी ही अगले महात्मा गांधी के रूप में उभरेंगे। जहां गांधीजी थोड़े चालाक किस्म के इंसान थे, वहीं राहुल गांधी पूरी तरह से साफ दिल के और स्पष्टवादी हैं।’ वीडियो में आगे उन्होंने दावा किया कि लोगों ने राहुल गांधी को ‘पप्पू’ के रूप में चित्रित करने की बहुत कोशिश की है, लेकिन देश ने उन्हें अपना नेता स्वीकार कर लिया है।
गांधीजी पर टिप्पणी वाला इंद्रनील का यह वीडियो वायरल होने पर लोग उनसे नाराज हो गए। राजगुरु पर निशाना साधते हुए गुजरात भाजपा उपाध्यक्ष भरत बोगरा ने कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों के लिए लोग कांग्रेस को माफ नहीं करेंगे। बोगरा ने कहा, ‘गांधीजी हमारे राष्ट्रपिता हैं और उन्होंने ही हमें आजादी दिलाई थी। भारत और गुजरात के नागरिक ऐसी टिप्पणियों के लिए कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे। उनका गुस्सा चुनाव परिणामों में दिखाई देगा।’
उधर इस टिप्पणी पर शुरू हुए विवाद के बाद जब मीडिया ने इस बारे में पूछा तो इंद्रनील ने दावा किया कि उन्होंने जो कुछ कहा है, उसका उल्लेख इतिहास की किताबों में है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा आज अंग्रेजों की तरह काम कर रही है, और लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में केवल राहुल गांधी ही हैं जो कि भाजपा के खिलाफ वैसे ही लड़ रहे हैं, जैसे महात्मा गांधी अंग्रेजों से लड़े थे।’
आगे उन्होंने बताया, ‘इसलिए मैंने कहा कि आने वाले दिनों में लोग राहुल गांधी में महात्मा गांधी को देखेंगे। मैंने गांधीजी से जुड़ी इतिहास की कई किताबें पढ़ी हैं, और ऐसी ही एक किताब में इसके बारे (गांधीजी चालाक थे) में जिक्र था। मैंने अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा था।’ राजगुरु ने यह भी दावा किया कि वह ‘चालाक’ शब्द के स्थान पर ‘चतुर’ शब्द का उपयोग करना चाहते थे, जो उसका ही पर्यायवाची है।