Prostate Cancer in India: पूरी दुनिया में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन भारत में जब मामले बढ़ते हैं तो उसका इलाज मुश्किल से हो पाता है. एक तरफ दुनिया के अमीर देशों में कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में कर ली जाती है तो भारत में अधिकतर मामलों में कैंसर की पहचान बहुत बाद में होती है जिसके कारण भारत में कैंसर के कारण मरने वालों का आंकड़ा ज्यादा होता है. इस भयावह सच के बाद अब द लैंसेट की रिपोर्ट में खतरनाक सच सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2040 तक पूरी दुनिया में हर साल 29 लाख नए मरीज प्रोस्टेट कैंसर के शिकार होंगे. इनमें अकेले भारत से 72 हजार मरीज होंगे. चिंता की बात यह है कि भारत में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान बहुत बाद में होती है क्योंकि इसके लक्षण बहुत बाद में दिखते हैं, इसलिए इससे मरने वालों की संख्या भी अमीर देशों के मुकाबले ज्यादा होगी.
देश में पहले से प्रोस्टेट कैंसर के अधिक मामले
द लेंसेट ने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि भारत में प्रोस्टेट कैंसर के मामले 2040 तक दोगुना यानी 72 हजार तक पहुंच जाएंगे. वर्तमान में सभी कैंसरों में भारत में प्रोस्टेट कैंसर के मामले 3 प्रतिशत है. हर साल यहां 33 हजार से 42 हजार लोग प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कराने आते हैं. टाटा मेमोरियल सेंटर में डिपार्टमेंट ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. वेदांग मुर्ति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताते हुए कहा है कि हमारे लिए यह चिंता का विषय इसलिए है कि वर्तमान में ज्यादातर मरीज एडवांस स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कराने पहुंचते हैं, इनमें से 65 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है. यानी हर साल करीब 18 से 20 हजार लोग प्रोस्टेट कैंसर के कारण मर जाते हैं.
क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर
मायो क्लिनिक के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पुरुषों को होता है. दरअसल, पुरुषों के ब्लैडर के नीचे अखरोट के आकार की एक ग्रंथि होती है जिसे प्रोस्टेट कहा जाता है. यह पुरुषों में सेमिनल फ्लूड बनाता है जिससे स्पर्म को आगे बढ़ने के लिए एक सहज रास्ता बन जाता है और इस फ्लूड से स्पर्म को पोषण भी मिलता है. आमतौर पर उम्र बढ़ने के बाद फ्लूड की कमी होने लगती है और इसी अंग में कैंसर कोशिकाएं बनने लगती है. यह प्रक्रिया बहुत धीरे-धीरे होती है और इसमें कई साल लग जाते हैं. इसलिए शुरुआत में इसके लक्षण भी सामने नहीं आते.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर होने पर पेशाब करने में दिक्कत होती है और पेशाब करने के दौरान जोर लगाने में परेशानी होती है. यूरिन से ब्लड और सीमेन भी आ सकता है. वहीं हड्डियों में दर्द और इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी इसके लक्षण है. इसके अलावा तेजी से वजन गिर सकता है.
किन लोगों का है ज्यादा खतरा
50 साल से ज्यादा उम्र वालों को प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा है. वहीं जिन लोगों के परिवार में पहले से यह बीमारी हुई है उन लोगों के लिए भी इसका रिस्क ज्यादा रहता है. इसके अलावा ज्यादा वजन भी प्रोस्टेट कैंसर की वजह हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 10:41 IST