रायपुर
कोरोना के
चलते पूरे देश में डर का माहौल है। सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया है। इसी
बीच 27 मार्च
को आंबेडकर अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। लोगों के मन से
महामारी के भय को दूर करने के लिए महिला और उसके परिवार ने जुड़वां बच्चों का नाम
ही कोरोना और कोविड रख दिया है। पुरानी बस्ती निवासी विनय वर्मा के घर में इस समय
डबल खुशी का माहौल है। क्योंकि उनके घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ है। बच्चों की
मां प्रीति वर्मा ने बताया कि इस समय पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है। भारत के
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब यात्री ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया गया। हर
व्यक्ति घरों में कैद है। ऐसे में मेरे लिए 27 मार्च की रात विशेष अहमियत रखती है। एक तरफ जहां
कोरोना से लोग परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ।
लिहाजा वर्मा दंपती ने अपने जुड़वां बच्चों में बेटी का नाम कोरोना तो बेटे का नाम
कोविड रखा है। नवजात की मां प्रीती की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है। वह कहती है
कि मैं इस दिन को जिंदगी भर नहीं भूल सकती। शुक्रवार की शाम से पेट में दर्द शुरू
हुआ, ऐसे
में आंबेडकर अस्पताल तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। लॉकडाउन के चलते
अस्पताल आने के लिए साधन नहीं मिल रहा था। इसलिए मोटरसाइकिल से किसी तरह आंबेडकर
अस्पताल पहुंची। रास्ते में जगह-जगह चेकिंग चल रही थी। सड़क पर तैनात जवान आने-जाने
वालों को रोककर पूछताछ कर रही थी। हमें भी कई जगहों पर चेकिंग से गुजरना पड़ा।
प्रीति के अनुसार इसी जद्दोजहद और लोगों में कोरोना के प्रति व्याप्त डर को दूर
करने के लिए ही बच्चों का नाम कोरोना और केविड रखने का फैसला लिया है। दोनों
बच्चों और मां मंगलवार दोपहर तक अस्पताल में थे। तीनों स्वस्थ हैं। अस्पताल में
बच्चों को देखने पहुंच रहे दोस्त और रिश्तेदार भी बच्चों के नामकरण को साहसिक
फैसला बता रहे हैं।