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Saturday, May 4, 2024

खुदकुशी नोट से न सिर्फ एक बच्ची की जान बच गई, बल्कि जिंदगी का रुख ही मोड़ दिया

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हैदराबाद

कोई भी सूइसाइड नोट हिला देने वाली घटना होती है, लेकिन यहां एक खुदकुशी नोट से न सिर्फ एक बच्ची की जान बच गई, बल्कि जिंदगी का रुख ही मोड़ दिया। अतीत के दुखद पन्नों को छोड़ अब वह जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रही है। कभी मौत को गले लगाने जा रही भवानी ने तेलंगाना में इंटर की परीक्षा में 969 नंबर पाए हैं। 2016 में आठवीं की छात्रा भवानी के माता-पिता की मौत हो गई। पैरंट्स की मौत के बाद उन्हें कई परेशानियों का छोटी सी उम्र में ही सामना करना पड़ा।

तेलंगाना के सिरकिल्ला की भवानी और उसकी बहन आत्महत्या करना चाहती थीं। उन्होंने एक इंस्पेक्टर आंटी के नाम पर सूइसाइड नोट लिखा और उनसे कहा कि वह दोनों के मरने के बाद उनके भाई का ख्याल रखें। महिला पुलिस ने समय रहते दोनों बहनों की जान बचा ली। भवानी ने बताया कि उनकी मां की मौत के बाद हुजूराबाद इंस्पेक्टर माधवी आई थीं। उसने उन्हीं को संबोधित करके सूइसाइड नोट लिखा। माधवी ने समय रहते लोकल पुलिस की सहायता से दोनों बहनों की जान बचा ली। उनकी काउंसलिंग की गई। माधवी ने व्यक्तिगत तौर पर इस मामले में रुचि ली और भवानी का प्रवेश कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में करा दिया ताकि वह वहां सुरक्षित रहे।

भवानी ने बताया कि आवासीय विद्यालय में प्रवेश के बाद उसकी जिंदगी में बदलाव आ गया। पढ़ाई में मन लगने के बाद बाकी बातें उसके दिमाग से निकल गईं। दसवीं में उसे 9.7 सीजीपीए मिले थे। वह सिरकिल्ला जिले के टॉप टेन छात्रों में से एक थी। भवानी को उम्मीद थी कि उसे 990 नंबर मिलेंगे, लेकिन उसे 969 नंबरों से ही संतोष करना पड़ा।

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