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Saturday, May 18, 2024

BJP विधायक, TV चैनल के एडिटर और हिंदू नेता के मर्डर का प्लान बना रहा था मौलवी, गुजरात में ना’पाक’ साजिश का पर्दाफाश

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गुजरात पुलिस ने लोकसभा चुनाव के बीच हिन्दू नेता की हत्या और कई लोगों को धमकी देने के आरोप में शनिवार को सूरत से एक नापाक कट्टरपंथी विचारधारा वाले मौलवी को गिरफ्तार किया है। सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान मौलवी सोहेल अबुबक्र तिमोल (Maulvi Sohel Abubakr Timol) के रूप में की गई है। यह मौलवी सूरत शहर की एक धागा फैक्ट्री में मैनेजर के रूप में काम करता था और मुस्लिम बच्चों को इस्लामी शिक्षा के लिए प्राइवेट ट्यूशन भी देता था। आरोपी मौलवी पाकिस्तान और नेपाल में बैठे अपने आकाओं के साथ मिलकर देश में खौफनाक साजिश रच रहा था।

पाकिस्तान से नेपाल तक जुड़े साजिश के तार

गुजरात पुलिस ने बताया कि, मौलवी तिमोल एक हिंदू संगठन के नेता की हत्या समेत सुदर्शन न्यूज चैनल के मुख्य संपादक, तेलंगाना के भाजपा विधायक राजा सिंह और भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को धमकी देने की साजिश में शामिल है। पुलिस कमिश्नर गहलोत ने कहा, यह मौलवी पाकिस्तान और नेपाल के लोगों के साथ मिलकर हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा को मारने के लिए एक करोड़ रुपये की सुपारी देने और पाकिस्तान से हथियार खरीदने की साजिश रच रहा था।

मौलवी के फोन में मिली आपत्तिजनक सामग्री

गहलोत ने बताया कि उसे हिरासत में लेने के बाद, हमें उसके मोबाइल फोन में कई आपत्तिजनक सामग्री मिलीं। इसमें उपदेश राणा की हत्या के लिए एक करोड़ रुपये की सुपारी देने का ऑफर भी शामिल था। इसके लिए वह पाकिस्तान और नेपाल के व्यक्तियों/नंबरों से लगातार संपर्क में था।

उन्होंने कहा कि तिमोल को इस साल मार्च में राणा को धमकी देने में भी शामिल पाया गया था। आरोपी ने अपने ग्रुप कॉल में पाकिस्तान और नेपाल के नंबरों को जोड़कर लक्ष्य को धमकियां देने के लिए लाओस के एक वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल किया था।

सुरक्षित ऐप पर करते थे साजिश वाली बात

गहलोत ने कहा कि उसके फोन से मिले फोटो और अन्य जानकारियो से पता चलता है कि आरोपी मौलवी और उसके सहयोगी सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और हैदराबाद के भाजपा विधायक टी. राजा सिंह को निशाना बनाने और धमकी देने के बारे में एक सुरक्षित ऐप पर चर्चा कर रहे थे। इसके लिए ये सभी लोग धन इकट्ठा करने और हथियार खरीदने की योजना बना रहे थे।

कमिश्नर गहलोत ने कहा कि ये लोग अत्यधिक कट्टरपंथी विचारधारा के हैं और हिंदूवादी नेताओं की हत्या के बारे में बात करते हैं। उन्होंने कमलेश तिवारी (हिंदू समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष, जिनकी 18 अक्टूबर, 2019 को लखनऊ में हत्या कर दी गई थी) की हत्या पर भी चर्चा की थी।

चुनावों में बिगाड़ने को उपदेश राणा को जल्द मारना चाहता था तिमोल

इनके चैट रिकॉर्ड से पता चला है कि तिमोल चल रहे आम चुनावों के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए राणा को जल्द ही मारना चाहता था। अधिकारी ने कहा कि सूरत पुलिस यह पता लगाने के लिए अन्य एजेंसियों की मदद ले रही है कि क्या उनके मन में और भी लक्ष्य हैं।

क्राइम ब्रांच के बयान में कहा गया है कि आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि डोगर और शहनाज नाम के दो व्यक्तियों ने उससे संपर्क किया था, जिनके पास क्रमशः पाकिस्तान और नेपाल के फोन नंबर थे। लगभग डेढ़ साल पहले, दोनों व्यक्तियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान और नेपाल के फोन नंबरों से आरोपियों से संपर्क किया। उन्होंने यह दावा करके आरोपियों को उकसाया कि भारत में हिंदू संगठनों द्वारा नबी का मजाक उड़ाया गया है और इसे ठीक करने की जरूरत है।

विदेशी नंबर का करता था इस्तेमाल

पुलिस के अनुसार, तिमोल को अपनी पहचान गुप्त रखने के लिए लाओस से एक अंतरराष्ट्रीय सिम नंबर मिला और उसने सोशल मीडिया पर एक बिजनेस नंबर एक्टिव कर दिया। इसका इस्तेमाल वह राणा को धमकी देने के लिए करता था। पुलिस ने कहा कि चैट ऐप पर उसने हिंदू धर्म के खिलाफ भाषण लिखे और राणा को धमकी दी कि उसकी भी हत्या कमलेश तिवारी की तरह कर दी जाएगी। पुलिस ने बताया कि उसके चैट ग्रुप के एक सदस्य ने उसकी हत्या के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ राणा की तस्वीर भेजी थी।

बयान में कहा गया है कि आरोपी ने सांप्रदायिक नफरत फैलाने, भारत के राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीरें अपलोड करने और हिंदू धर्म के बारे में पोस्ट या वीडियो में भद्दी टिप्पणियां करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। उसने गलत इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाया और विदेशी हैंडलर्स से हथियार मंगवाए। 

बयान में यह भी कहा गया है कि गिरफ्तार आरोपी पाकिस्तान, वियतनाम, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस जैसे विभिन्न देशों के कोड वाले वॉट्सऐप नंबर धारकों के संपर्क में था। उस पर आईपीसी की धारा 153(ए), 467, 468 और 471 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 



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