नई दिल्ली. इंटरनेशनल क्रिकेट में किसी बॉलर के हैट्रिक लेने का कारनामा कभी-कभी ही होता है. वैसे तो क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में हैट्रिक लेना मुश्किल है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में यह काम सबसे मुश्किल माना जाता है. इसकी वजह यह है कि वनडे और टी20 में जहां तेजी से रन बनाने की आपाधापी में बैटर जोखिम लेकर शॉट खेलते हैं, वहीं क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट-टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कोई बंधन नहीं होता. यही कारण है कि टेस्ट क्रिकेट के 147 साल के इतिहास में अब तक 46 हैट्रिक ही दर्ज की गई हैं, इसमें चार बॉलर-ऑस्ट्रेलिया के ह्यूज ट्रंबल और जिमी मैथ्यूज, पाकिस्तान के वसीम अकरम और इंग्लैंड के स्टुअर्ड ब्रॉड दो बार यह कारनामा अंजाम दे चुके हैं.
टेस्ट क्रिकेट के अब तक के इतिहास में तीन बॉलर अपने डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक लेने का कारनामा कर चुके हैं. इंग्लैंड के मॉरिस एलोम (Maurice Allom), न्यूजीलैंड की पीटर पेथेरिक (Peter Petherick) और ऑस्ट्रेलिया के डेमियन फ्लेमिंग (Damien Fleming) ने यह कमाल किया है. इन तीनों बॉलर ने अपने पहले ही टेस्ट में लगातार तीन गेंदों पर विकेट लेकर करियर का धमाकेदार आगाज किया लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनका टेस्ट करियर लंबा नहीं चल सका. एलोम और पेथेरिक जहां 10 से कम टेस्ट खेल पाए, वहीं फ्लेमिंग के टेस्ट सफर पर 20 टेस्ट के बाद ही ‘विराम’ लग गया. न्यूजीलैंड के पेथेरिक और ऑस्ट्रेलिया के फ्लेमिंग की डेब्यू टेस्ट की हैट्रिक में समानता यह रही कि यह पाकिस्तान के खिलाफ उसी के मैदान पर दर्ज की गईं. यही नहीं, ये दोनों हैट्रिक अक्टूबर माह में बनीं.
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डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले बॉलर थे एलोम
डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले बॉलर इंग्लैंड के मॉरिस एलोम रहे. दाएं हाथ के मध्यम गति के इस बॉलर ने जनवरी 1930 में क्राइस्टचर्च टेस्ट (New Zealand vs England) में लगातार गेंदों पर तीन विकेट हासिल किए. लंबे कद के गठीले शरीर वाले एलोम ने जब यह उपलब्धि हासिल की थी तो उनकी उम्र महज 23 वर्ष थी. न्यूजीलैंड की पहली पारी के दौरान उन्होंने अपने आठवें ओवर में हैट्रिक सहित चार विकेट लिए थे. पहली गेंद पर लेगबाय के जरिये एक रन बना था जबकि दूसरी गेंद पर स्टीवी डेम्प्सटर बोल्ड हो गए. तीसरी गेंद पर कोई विकेट नहीं गिरा था लेकिन चौथी गेंद पर टॉम लॉरी LBW हो गए थे. पांचवीं गेंद पर केन जेम्स को विकेटकीपर से कैच कराकर और छठी गेंद पर टेड बेडलॉक को बोल्ड करके उन्होंने हैट्रिक पूरी की थी. न्यूजीलैंड की पहली पारी में एलोम ने 19 ओवर में महज 38 रन देकर 5 विकेट लिए थे और कीवी पारी 112 रन पर सिमट गई थी. न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में भी उन्होंने 17 रन देकर तीन विकेट झटके और मैच में इंग्लैंड की 8 विकेट की जीत के हीरो बने थे.
हालांकि इस करिश्माई डेब्यू टेस्ट के बाद एलोम चार टेस्ट और खेल सके और पांच टेस्ट के बाद ही उनके इंटरनेशनल करियर पर विराम लग गया. इन चार टेस्ट में वे छह विकेट ही ले चुके. पांच टेस्ट में 18.92 के औसत से 14 विकेट ही उनके नाम पर दर्ज हैं.
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45 साल बाद न्यूजीलैंड के पेथेरिक ने दोहराया कारनामा
एलोम के रिकॉर्ड के 45 साल बाद न्यूजीलैंड के ऑफ ब्रेक बॉलर पीटर पेथेरिक ने अक्टूबर 1976 में पाकिस्तान के खिलाफ (New Zealand vs Pakistan) अपने डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक दर्ज की. हालांकि उनकी इस उपलब्धि के बावजूद कीवी टीम यह मैच 6 विकेट से हारी. टेस्ट के पहले दिन पेथेरिक ने लगातार गेंदों पर जावेद मियांदाद (163), वसीम राजा (0) और इंतिखाब आलम (0) को आउट किया था. पाकिस्तान की पहली पारी के दौरान पेथेरिक को यहीं तीन विकेट मिले. उन्होंने 18 ओवर्स में 103 रन दिए थे. मियांदाद और आसिफ इकबाल के शतक के सहारे पहली पारी में 417 रन बनाने में सफल रही पाकिस्तानी टीम ने कीवी टीम की पहली पारी महज 157 रन पर समेट दी थी. फॉलोआन खेलते हुए न्यूजीलैंड में दूसरी पारी में 360 रन बनाकर पाकिस्तान टीम को 101 रन का टारगेट दिया था जो टीम ने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया था. पाकिस्तान की दूसरी पारी में भी पेथेरिक ने दो विकेट लिए.
डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक सहित पांच विकेट लेने वाले पेथेरिका का टेस्ट करियर भी एलोम की तरह रहा और वे कुल 6 टेस्ट खेलकर इंटरनेशनल क्रिकेट से ओझल हो गए. डेब्यू टेस्ट के बाद अपने अगले 5 टेस्ट में उन्होंने 11 विकेट लिए. छह टेस्ट में 42.56 के महंगे औसत से 16 विकेट उनके नाम पर हैं. टेस्ट करियर में पीटर कभी भी पारी में चार या पांच विकेट नहीं ले सके.
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आखिरी बार डेमियन फ्लेमिंग ने ली डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक
टेस्ट डेब्यू पर आखिरी बार हैट्रिक लेने की उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग ने हासिल की.अक्टूबर 1994 में पाकिस्तान के खिलाफ (Australia vs Pakistan) रावलपिंडी में टेस्ट करियर का आगाज करते हुए उन्होंने दूसरी पारी में लगातार गेंदों पर आमेर मलिक, इंजमाम उल हक और सलीम मलिक को आउट किया था. आमेर मलिक (65) को जहां उन्होंने माइकल बेवन से कैच कराया जबकि इंजमाम (0) LBW हुए थे. सलीम मलिक (237) को विकेटकीपर इयान हिली ने कैच किया था. फ्लेमिंग ने अपने 23वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर आमेर और इंजमाम को आउट किया था जबकि उनके अगले ओवर की पहली गेंद पर सलीम मलिक आउट हुए थे. रनों से भरपूर इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 9 विकेट पर 521 रन (पारी घोषित) बनाए थे जिसके जवाब में पाकिस्तान की पहली पारी 260 रनों पर सिमट गई थी और उसे फॉलोऑन करना पड़ा था. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स की जमकर खबर लेते हुए पाकिस्तान ने 537 रन बनाए थे जिसमें कप्तान सलीम मलिक का दोहरा शतक शामिल था. मैच में ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 277 रन का टारगेट था लेकिन उसने पांचवें दिन खेल खत्म होने तक एक विकेट खोकर 14 रन बनाए थे. यह मैच ड्रॉ रहा था. डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में फ्लेमिंग ने 75 रन देकर चार और दूसरी पारी में 86 रन देकर तीन विकेट लिए थे.
डेब्यू टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले अन्य दो बॉलर्स की तरह फ्लेमिंग का टेस्ट करियर भी छोटा रहा और वे 20 टेस्ट ही खेल सके. बेहतरीन स्विंग गेंदबाज फ्लेमिंग को टेस्ट में इसलिए ज्यादा मौके नहीं मिले क्योंकि उनके दौर में ग्लेन मैग्राथ, जेसन गिलेस्पी और क्रेग मैकडरमोट जैसे स्थापित तेज गेंदबाज थे. इंजुरी के कारण भी उन्हें कुछ टेस्ट गंवाने पड़े. 20 टेस्ट में फ्लेमिंग ने 25.89 के औसत से 75 विकेट झटके जिसमें तीन बार पारी में 5 विकेट शामिल रहे. मार्च 2001 में भारत के खिलाफ मुंबई में फ्लेमिंग ने करियर का आखिरी टेस्ट खेला. हालांकि अपने छह वर्ष से अधिक समय के करियर वे 88 वनडे खेले और 25.38 के औसत से 134 विकेट लिए.
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FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 08:29 IST