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Wednesday, May 8, 2024

कर्नाटक: मजदूर बन पुलिस अफसर ने की पत्थर खदान में छापेमारी, जब्त किया सामान

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शिमोगा

कर्नाटक के शिमोगा में एक पुलिस अफसर ने फिल्मी स्टाइल में एक पत्थर की खदान में छापेमारी कर अनियमितताएं पकड़ीं और मौके से दो ट्रैक्टर, एक जेसीबी और कई अन्य सामान (खुदाई में प्रयोग होने वाले) जब्त किए। शिमोगा के तहसीलदार द्वारा इस खदान में की गई छापेमारी की खूब चर्चा हो रही है।  यहां पत्थर की खदान में अनियमितता की उन्हें जानकारी मिली थी। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के बावजूद रेड से पहले तहसीलदार बीएन गिरीश खुद इस बारे में सुनिश्चित होना चाहते थे। इसके बाद उन्होंने अपना रूप बदला और एक मजदूर के रूप में यहां गेजेनहल्ली गांव में पत्थर के खदान पर काम करने पहुंचे। कहीं से कोई पहचान ना ले इसके लिए उन्होंने चेहरे को तौलिए से छिपा लिया और पुराने कपड़े में वहां पहुंचे।

उन्होंने मजदूर के रूप में काम करते हुए यहां चल रही अनियमितताओं को मौके से देखा। मौके पर अनियमतिताओं को देखने के बाद उन्होंने यहां छापेमारी की। छापेमारी के लिए वह गांव के ही एक अकाउंटेंट के साथ बाइक पर पहुंचे। तहसीलदार गिरीश कहरते हैं, जनवरी 2017 से मैं यहां तहसीलदार हूं। मैंने इस इलाके में अवैध पत्थर खदानों और बालू खनन पर रोक लगाने की कोशिश की है। इससे पहले मैं कई पत्थर खदानों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका हूं, यही वजह है कि अब क्षेत्र के लोग भी इसे गंभीरता से लेने लगे हैं और कहीं भी उन्हें अनियमितता मिलती है तो तुरंत उसकी जानकारी मुझे देते हैं।

चुनावी प्रक्रिया के दौरान लोगों ने इसलिए फोन करना बंद कर दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि मैं अब इस माहौल अधिक व्यस्त रहूंगा। पर, यहां चुनाव खत्म होने के बाद लोगों ने फिर मुझे फोन कर अवैध खनन के बारे में जानकारियां दीं। गेजेनहल्ली में छापेमारी पर गिरीश ने कहा, ‘यहां अनियमितता के बारे में ग्रामीणों ने मुझे मार्च में ही बताया था। जैसे ही छापेमारी के लिए मैं अपनी गाड़ी से पहुंचा मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया था। अवैध खनन से जुड़े माफिया का नेटवर्क मजबूत है, जैसे ही वह किसी अनजान गाड़ी को देखते हैं, काम बंद करवाकर फरार हो जाते हैं। यही वजह है कि मैंने इस तरह से यहां छापेमारी की कोशिश की।

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