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Monday, May 20, 2024

एक बार खा लिया यह पत्ता,तो पुरानी से पुरानी लीवर की बीमारी हो जाएगी छूमंतर

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कैलाश कुमार/बोकारो.आयुर्वेद भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है. जिसके माध्यम से शारीरिक समस्याओं को दूर किया जाता रहा है. ऐसे में आयुर्वेद में चिरायता का पौधा खास मना गया है .जो कई बीमारियों को दूर कर हमारे शरीर को निरोगी रखता है.

बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश पाठक ने चिरायता के औषधीय गुणों की जानकारी देते हुए बताया कि चिरायता का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है. इसकी तासीर गर्म होती है.उन्होंने बताया जिस कारण यह कफ और पित्त की समस्याओं से होने वाले बीमारियों को दूर करने में कारगर होता है.( डॉ राजेश पाठक ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंस एंड रसर्च नई दिल्ली से एमडी की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और 16 साल तक पतंजलि और बीते से 3 सालों से सुधि आयुर्वेदा चास में अपनी सेवाएं दे रहे हैं )

  इन समस्याओं में कारगर
लीवर की समस्या में करगर : चिरायता में पाये जाने वाले औषधीय गुण फैटी लीवर से होने वाली समस्याओं को सम्भालने में मददगार होती हैं और चिरायता में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, और विटामिन्स, लीवर को स्वस्थ फ़ंक्शन करने में सहायक होते हैं. इसके लिए रोजाना चिरायता के पत्तों का 5ml रस निकालकर गर्म पानी में मिलाकर सेवन करें तो यह तो लीवर की समस्या को दूर किया जा सकता है

जौंडिस (पीलिया) में कारगर : चिरायता के पत्तों में प्राकृतिक रूप से मौजूद औषधि गुण शरीर में मौजूद संक्रमण से लड़ने मदद करते हैं. जौंडिस के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होते इसके लिए एक आधा गिलास पानी में चीरयता के दो तीन पत्ते डालेंफिर इसे धीरे आंच पर पकाएं और पानी कि मात्रा आधा होने पर ठंडा कर इसे छानकर पीये तो अच्छे परिणाम देखने को मिलते है.

बुखार : चिरायता के पत्ते का सेवन बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. इसमें प्राकृतिक रूप से उपस्थित गुण होते हैं जो जीवाणुओं को नष्ट कर रोग के साथ लड़ने में साहयक होते हैं इसके लिए दो से तीन चिरायता के पत्ते और आधा चम्मच गोलकी को काढ़ा बनाकर सेवन करें तो बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक होता है.

रक्तशोधक (ब्लड प्यूरीफायर): चिरायता के पत्तों में विशेष रूप से रक्तशोधक गुण होते हैं जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं और इसके लिए रोजाना खाली पेट चिरायता के पत्तों का 5ml रस निकालकर सेवन करें तो रक्त शुद्ध होता है और हम लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं.

पेट के कीड़ा दूर करने: चिरायता के पत्तों में एंटीपैराजिटिकल गुण होते हैं जो पेट के कीड़ों को मारने में मदद कर सकते हैं और पेट के स्वस्थ फ़ंक्शन को सहायक बना सकते हैं इसके लिएचिरायता के पत्ते को सूखा करके पाउडर बना कर गरम पानी में मिलाकर पी सकते हैं.

Tags: Bokaro news, Health tips, Hindi news, Jharkhand news, Latest hindi news, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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