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Sunday, May 19, 2024

हीट वेव को लेकर तैयार हुआ बिहार के सबसे गर्म जिला, पीएचसी को यह निर्देश जारी

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रिपोर्ट- कुंदन कुमार
गया. सूरज अपनी पूरी तेजी पर है. आसमान आग बरसा रहा है. गया बिहार का सबसे गर्म जिला है. यहां गर्मी कहर बरपाती है. चार साल पहले हीट स्ट्रोक से 50 लोगों की मौत हो गयी थी. उस हालात को ध्यान में रखते हुए इस बार जिला हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए तैयार है. अस्पतालों में लू के मरीजों के लिए इंतजाम किए गए हैं. डीएम का भी निर्देश है कि मरीजों के इलाज में देरी न करें.

मौसम विज्ञान की रिपोर्ट के अनुसार इस बार गर्मी अधिक पड़ने का पूर्वानुमान है. इसलिए हीट वेव की आशंका बढ़ गई है. इसे देखते हुए अस्पतालों में विशेष तैयारी की गई है. वॉर्ड में गर्मी से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. गया जिला बिहार का सबसे अधिक गर्म जिला है. गर्मी के साथ हीट स्ट्रोक और हीट वेव भी बहुत चलती है. चार साल पहले गया और आसपास के जिले में हीट वेव के कारण 50 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से स्वास्थ्य महकमा हर साल विशेष तैयारी करता है. इस बार भी गया जिला प्रशासन हीट वेव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इसके लिए 100 बेड पूरी तरह तैयार रखे गए हैं.

100 बेड रिजर्व
मगध मेडिकल अधीक्षक डॉ.विनोद शंकर सिंह ने बताया अस्पताल में हीट वेव के मरीजों को देखते हुए प्री-फैब्रीकेटेड बिल्डिंग में 100 बेड रिजर्व रखे गए हैं, ताकि यहां हीट वेव के मरीजों को भर्ती किया जा सके. डॉक्टर्स और स्टाफ को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. सामान्य वार्डों में भी जरूरत के अनुसार गर्मी से निपटने के लिए कूलर लगाए जाएंगे. लू से निपटने के लिए सही प्रबंध नहीं होने पर यह स्थिति गंभीर हो जाती और इससे जान को खतरा रहता है.

शिशुओं और बुजुर्गों का रखें ध्यान
गर्मी के मौसम में शिशु,छोटी उम्र के बच्चों और बुजुर्गो का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पसीना कम निकलता और वे जल्दी गर्म वातावरण के अभ्यस्त नहीं हो पाते. इसलिए लंबे समय तक धूप में रहने या लू में निकलने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. लू से बचाव के लिए ऐसे हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है.

ये है तैयारी
गया के डीएम डॉ.त्यागराजन एसएम ने स्वास्थ्य विभाग को हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. हीट वेव और एईएस, जेई को लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है. एईएस, जेई मामले में यदि किसी पंचायत से प्राइवेट वाहन से बच्चों को अस्पताल लाया जाता है तो संबंधित वाहन में फ्यूल सहित अन्य सुविधाएं सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन अनिवार्य रूप से वाहन मालिक को उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि हर पंचायत में दो-दो वाहन को चिन्हित कर उसे एंबुलेंस के तर्ज पर तैयार रखें ताकि एईएस, जेई से पीड़ित बच्चे को गोल्डन पीरियड में ही उपचार के लिए अस्पताल लाया जा सके.

फौरन दें प्राथमिक उपचार
डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दायित्व है कि यदि उनके क्षेत्र में हीटवेव के मामले आते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार करने के बाद ही रेफर करें. प्रायः यह देखा गया है कि बिना प्रथम उपचार के ही रेफर किया जाता है जिससे मरीज और क्रिटिकल हो जाता है. सभी अस्पतालों के एंबुलेंस में हर हाल में आइस पैक की व्यवस्था रखें. साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कूलर, ओआरएस पाउडर और अन्य दवाएं पर्याप्त रूप में रखें.

Tags: Extreme weather, Gaya news today, Heat Wave, Local18



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