परगवाल
परगवाल क्षेत्र के 32 गांवों के ग्रामीण 4 बेड वाले प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर ही निर्भर हैं। बॉर्डर पर बसे परगवाल टापू के 32 गांव वैसे ही पाक रेंजरों के निशाने पर रहते हैं। आए दिन होने वाली गोलाबारी से घर छोड़ कर इस क्षेत्र के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने को विवश होते हैं। बीमार होने या घायल होने परगवाल क्षेत्र के 32 गांवों के लोगों को मजबूरन अखनूर या जम्मू में अपना इलाज कराना पड़ता है। पीएचसी एक डॉक्टर पर निर्भर है।
अव्यवस्थाओं के लिए डॉक्टरों को भी ग्रामीणों की खरी-खरी सुननी पड़ती है। परगवाल के पंच नितिन शर्मा, गोपाल दास शर्मा, पंच सुरम सिंह ने बताया कि सरकार ने परगवाल में पीएचसी तो खोल दिया है मगर न तो इसमें अल्ट्रासाउंड की सुविधा है और न एक्स-रे। एक्स रे मशीन कई साल से खराब पड़ी है। ऐसे में हमें एक्स रे व अल्ट्रासाउंड के लिए अखनूर या जम्मू जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि लैब की भी खस्ता हाल। छोटे से छोटे टेस्ट के लिए भी परेशानी उठानी पड़ती है।
परगवाल के ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र बिल्कुल बॉर्डर पर है। आए दिन पाक की ओर से सीजफायर का उल्लंघन होता है। ऐसे में कोई ग्रामीण घायल हो जाता तो उसका इलाज तो दूर की बात है इस पीएचसी में प्राथमिक उपचार भी नहीं हो सकता। ग्रामीणों ने मांग की है की पीएचसी को अपग्रेड किया जाए। इसके साथ ही इलाज की पूरी सुविधा मुहैया कराई जाए।