10 C
Munich
Thursday, May 9, 2024

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकारें भी आगे आई, विधायकों की सैलरी में 30 फीसदी कटौती

Must read

नई दिल्ली, मुंबई
कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए एक ऐसी खतरनाक महामारी के रूप में सामने आया, जिसने एक झटके में सब कुछ रोक लिया। इसके चलते दुनियाभर में कामकाज ठप पड़ा है। सरकारें अपनी देश की मदद के लिए खजाना खोलने पर मजबूर हैं। भारत में भी कई ऐसे ही फैसले लिए जा रहे हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में पीएम मोदी समेत सभी सांसदों की सैलरी काटने की बात कही थी। जिसके बाद अब कुछ राज्यों ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने भी कुछ ऐसा ही फैसला किया है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने केंद्र की ही तरह अप्रैल से सभी विधायकों की 30 फीसदी सैलरी काटने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सैलरी में ये कटौती पूरे एक साल के लिए लागू होगी। इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग में ठाकरे सरकार ने दो कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव पास किया है, जो कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद राज्य सरकार की इकनॉमी को दुरुस्त करने पर काम करेंगी। महाराष्ट्र से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया था। यहां भी सभी मंत्रियों समेत विधानसभा सदस्यों की सैलरी में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती का प्रस्ताव पास हुआ है। वहीं एक साल तक के लिए विधायक निधि को भी खत्म कर दिया गया है। राज्य सरकार इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने में करेगी। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बिहार सरकार की तरफ से भी सैलरी काटने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद राज्य में मंत्रियों और सभी विधायकों की 15 फीसदी काटने का फैसला हुआ। ये कटौती अगले एक साल तक के लिए की गई है। बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड ने भी केंद्र सरकार की ही तर्ज पर सभी विधानसभा सदस्यों की सैलरी काटने का फैसला लिया। उत्तराखंड सरकार ने भी केंद्र की तरह सैलरी में 30 फीसदी कटौती की बात कही है। वहीं विधायक निधि से भी दो साल तक कटौती की बात कही गई है। इन चारों राज्यों के अलावा, दिल्ली सरकार ने भी अपने सभी खर्चों में कटौती की बात कही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए बताया, “दिल्ली के सभी सरकारी विभागों को सैलेरी के अलावा सभी खर्च रोकने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना और लॉकडाउन सम्बन्धी खर्चों के अलावा कोई अन्य खर्च केवल वित्त विभाग की अनुमति से ही किया जाएगा। रेवेन्यू की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार को अपने खर्चों में भारी कटौती करनी होगी।”

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article