वॉशिंगटन
कोरोना के कारण पूरी दुनिया ठहर सी गई है। दुनिया की आधी आबादी घरों में कैद है। भारत में लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दी है। इसका असर अब बड़े प्रोजेक्ट पर दिखने लगा है। खबर है कि लॉकडाउन की वजह से राफेल की डिलीवरी को कुछ हफ्तों के लिए टाल दिया गया है। यह फैसला फ्रांस और भारत दोनों ने लिया है। भारतीय वायुसेना के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए डिलिवरी की तारीख को बढ़ा दिया गया है। हालांकि, तैयारियां कर ली गई हैं। सूत्रों का कहना है कि राफेल की डिलीवरी में फ्रांस की ओर से देरी तो हो ही रही है, साथ ही अभी अंबाला एयरबेस पर कुछ काम बाकी है। अंबाला में ही राफेल का पहला स्क्वाड्रन बनाया गया है।
राफेल एयरक्रफ्ट को मई के आखिरी हफ्तों में भारत आना था, लेकिन अभी इसे कुछ हफ्तों के लिए आगे बढ़ा गया है। अब माना जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद डिलीवरी की तारीख तय की जाएगी। फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खेप भारत आनी है. हालांकि, कोरोना से सबसे अधिक फ्रांस भी प्रभावित है। फ्रांस में अब तक 1.43 लाख केस सामने आ चुके हैं, जिसमें 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
भारतीय वायुसेना ने कुछ साल पहले गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन को भंग कर दिया गया था, क्योंकि मिग 21 फाइटर विमान रिटायर हो गए थे। बीते दिनों ही गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन को राफेल के जरिए फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया था। 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन’ राफेल उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन होगी। अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को तैनात किए जाने का प्लान है। अंबाला से राफेल के जरिए पाकिस्तान पर नजर रखी जाएगी। अंबाला एयरबेस पर पहले से जगुआर और मिग 21 बाइसन तैनात हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा बेस से चीन की हरकतों पर भी राफेल नजर रखेगा।