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विनोद कांबली बेहद प्रतिभावान क्रिकेटर थे. क्रिकेट जगत में उनकी शुरुआत धमाकेदार रही. 21 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले इस स्टार खिलाड़ी ने डेब्यू साल में 7 मैचों में 4 शतक जड़कर खूब सुर…और पढ़ें
विनोद कांबली नाम और शोहरत को संभाल नहीं पाए.
हाइलाइट्स
- विनोद कांबली के नाम टेस्ट में दो डबल सेंचुरी है
- शराब और नाइट पार्टी की लत ने क्रिकेटर को किया बर्बाद
- कांबली ने सचिन के साथ की थी रिकॉर्ड 664 रन की साझेदारी
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज विनोद कांबली पिछले दिनों चर्चा में थे. उनकी माली हालत बहुत खराब हो चुकी है. उनका सेहत लगातार गिरता जा रहा था. इलाज के पैसे नहीं थे. लेकिन कांबली अपने क्रिकेट से ज्यादा विवादों की वजह से चर्चा में रहे हैं. बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पहली बार 16 साल की उम्र में सुर्खियों में आया. सचिन तेंदुलकर के बीच हैरिश शील्ड ट्रॉफी में नाबाद 664 रन की साझेदारी ने कांबली को रातोंरात स्टार बना दिया. उन्हें लोग जानने लग गए. इसके बाद कांबली ने साल 1993 में टीम इंडिया के लिए टेस्ट में डेब्यू किया.डेब्यू टेस्ट में वो बड़ी पारी तो नहीं खेल पाए लेकिन उसके बाद उन्होंने जो पारियां खेली वो इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गईं.
कम उम्र में स्टार बन चुके कांबली इस स्टारडम को आगे संभाल नहीं पाए. इसके बाद विवादों और खराब प्रदर्शन की वजह से उनका करियर प्रभावित होता चला गया. 23 साल की उम्र में आखिरी टेस्ट खेलने वाले कांबली का इसके बाद करियर खत्म हो गया. साल 1995 में वह आखिरी बार टेस्ट मैचों में दिखे. विनोद कांबली (Vinod Kambli) टेस्ट से पहले वनडे में पदार्पण कर चुके थे. उन्होंने 1991 में वनडे में डेब्यू किया और साल 2000 आते आते उनका एकदिवसीय करियर खत्म हो गया.
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1996 वनडे विश्व कप के बाद कांबली ने 9 बार टीम इंडिया में कमबैक किया. बावजूद इसके वह अपना पांव जमा नहीं पाए.28 साल की उम्र में उनका नौवां कमबैक हुआ था. हैरिश शील्ड ट्रॉफी में कांबली ने 349 रन की शानदार पारी खेली थी जबकि उस मैच मे सचिन के बल्ले से 326 रन निकले थे. दोनों के गुरु रमाकांत आचरेकर थे. कांबली को आचरेकर सचिन से ज्यादा टैलेंटेड खिलाड़ी मानते थे. लेकिन बुरी लत यानी शराब का नशा और पार्टियों का शौक रखने वाले कांबली का करियर समय से पहले बर्बाद हो गया.
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विनोद कांबली ने शुरुआती 7 टेस्ट में चार शतकीय पारी खेली थी. इंग्लैंड के खिलाफ कांबली ने वानखेड़े स्टेडियम में 224 रन और जिम्बाब्वे के खिलाफ 227 रन की पारी खेलकर खूब वाहवाही लूटी. श्रीलंका के खिलाफ इसके बाद उन्होंने लगातार दो शतकीय पारी खेली थी. इसके बाद उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में सिर्फ दो अर्धशतक बनाए. कांबली ने 17 टेस्ट मैचों में 54.20 औसत के साथ 1084 रन बनाए. विनोद कांबली करियर की अच्छी शुरुआत के बाद दिशा भटक गए.
वे नशे के आदी हो गए और उनका करियर जल्दी ही ढल गया. उन्होंने 17 टेस्ट और 104 वनडे मैच खेले. कांबली को इस समय कई तरह की बीमारियों ने घेर रखा है. कभी हार्ट अटैक तो कभी डिप्रेशन से उन्हें गुजरना पड़ा. हाल में वह कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं.
New Delhi,Delhi
March 13, 2025, 18:12 IST
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