वॉशिंगटन:
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से निर्धारित समय से थोड़ा पहले ही पृथ्वी पर वापस आ सकते हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को ये जानकारी दी. नासा ने कहा कि ‘स्पेसएक्स’ आगामी अंतरिक्ष यात्री उड़ानों के लिए कैप्सूल बदलेगा. बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत की जगह मार्च के मध्य में धरती पर वापसी कर सकेंगे. बता दें भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर, जून 2024 से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसे हुए हैं. दोनों बोइंग के स्टारलाइनर पर सवार होकर आईएसएस के लिए आठ दिन के मिशन पर गए थे. लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल से उनकी वापसी नहीं हो सकी.
- विलियम्स (59) और विल्मोर जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर पर सवार होकर आईएसएस के आठ दिवसीय मिशन पर गए थे.
- हीलियम रिसाव और थ्रस्टर की खराबी जैसी तकनीकी समस्याओं के कारण हालांकि स्टारलाइनर उनकी वापसी के लिए असुरक्षित था.
- नासा की योजना मार्च के अंत में बोइंग की प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्पेसएक्स द्वारा निर्मित अंतरिक्ष यान के माध्यम से उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने की है.
क्या है नासा का प्लान
पिछले साल सितंबर में नासा-स्पेसएक्स अंतरिक्ष यान, दो एस्ट्रोनॉट को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुआ था. इसके जरिए ही सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाना है. नासा-स्पेसएक्स मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. क्रू-9 के सदस्यों के अलावा अंतरिक्ष यान में विल्मोर और सुनीता विलियम्स के लिए दो खाली सीटें हैं.
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क से अंतरिक्ष यात्रियों को वापस को लेकर बात की थी.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि स्पेसएक्स जल्द ही दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर लिखा, था एलन मस्क जल्द ही इस पर काम शुरू करेंगे. उम्मीद है, सभी सुरक्षित होंगे.
कौन है सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं. सुनीता भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हैं. दिसंबर 2006 में, वह भगवद गीता की एक प्रति लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गईं थी. जुलाई 2012 में, वह स्पेस स्टेशन में ओम का एक प्रतीक और उपनिषदों की एक प्रति लेकर गईं. सितंबर 2007 में विलियम्स ने साबरमती आश्रम और अपने गुजरात में अपने पैतृक गांव झूलासन का दौरा किया.
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