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Saturday, July 27, 2024

चुनाव खत्म होने से पहले CAA के तहत दी जाएगी पहली नागरिकता, अमित शाह ने दिलाया भरोसा

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Amit Shah Interview:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के तहत पहली नागरिकता दी जाएगी। न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में शाह ने  कहा कि नागरिकता जारी करने के लिए आवेदन आने शुरू हो गए हैं। नियमों के अनुसार उन आवेदनों और कागजातों की छानबीन हो रही है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव खत्म होने से पहले, यानी अंतिम चरण से पहले, नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।” 

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसी साल मार्च में सीएए को लागू किया था। इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले वैसे गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं। संसद द्वारा दिसंबर 2019 में कानून पारित किए जाने के चार साल बाद इस साल मार्च में सरकार ने इसे लागू किया है। 

गुरुवार को दिए इंटरव्यू में शाह ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के 400 सीटों को पार करने के लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा जताया और कहा कि देशभर में भाजपा की लहर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपनों को साकार करने के लिए लोग एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें देंगे। ऐसी उन्हें उम्मीद है।

शाह ने कहा, “आप मतगणना के दिन (4 जून, 2024) दोपहर 12.30 बजे से पहले देखेंगे, एनडीए 400 पार कर जाएगा, मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे…मैंने और मेरी पार्टी की टीम ने विस्तृत विश्लेषण किया है। हम पहले दो चरणों में 100 से अधिक सीटों के साथ तीसरे चरण की ओर बढ़ रहे हैं।” गृह मंत्री ने कहा, “मुझे 400 का लक्ष्य पार करने में कोई समस्या नहीं दिख रही है।” 

शाह ने शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “वे कई समन के बाद भी पेश नहीं हुए। अगर वे पहले समन के बाद ईडी के सामने पेश होते, तो उन्हें चुनाव से छह महीने पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाता। कई बार समन भेजे गए, लेकिन वे नहीं आए।” 

पहले दो चरणों में कम वोटिंग के सवाल पर शाह ने कहा, “कम मतदान के कई कारण हैं। बारह साल बाद मतदाता सूची में संशोधन किया गया है। दूसरा कारण यह है कि दूसरी तरफ से कोई मुकाबला नहीं है, जो मतदान को प्रभावित कर रहा हो।” 

बता दें कि पहले चरण की वोटिंग के 10 दिन से ज़्यादा और दूसरे चरण की वोटिंग के चार दिन बाद चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को दोनों चरणों के मतदान के आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में 66.14% मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में 66.7% मतदान हुआ है, जो 2019 के चुनावों की तुलना में पहले चरण में सिर्फ 4 फीसदी और दूसरे चरण में सिर्फ तीन फीसदी की गिरावट है।



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