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NEET पर चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के एक बड़े नेता ने कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी है कि उस पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। डीएमके के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संगठन सचिव आर एस भारती ने हाल ही में कहा कि द्रविड़ आंदोलन की वजह से ही तमिलनाडु में शिक्षा के लिए लोग जागरूक हुए हैं और उनकी पहुंच बढ़ी है। इसके साथ ही भारती ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि द्रविड़ आंदोलन के कारण ‘एक कुत्ता भी बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) की डिग्री ले सकता है।’ उनके इस बयान पर अब विवाद उठ खड़ा हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि यह टिप्पणी छात्र समुदाय के लिए अपमानजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से भारती के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की मांग की है। ‘No More NEET’ स्लोगन के तहत विरोध प्रदर्शन का आयोजन डीएमके की ही छात्र विंग के सचिव और कांचीपुरम विधायक एज़िलारसन द्वारा आयोजित किया गया था।
हालांकि, डीएमके नेता भारती का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह पहले भी ऐसे कई बयान दे चुके हैं, जिस पर हंगामा मच चुका है। उन्होंने एक बार राज्य के राज्यपाल आरएन रवि पर भी ओछी टिप्पणी की थी और कहा था कि वह उत्तर भारत के ‘पानी पुरी बेचने वाले’ लगते हैं। भारती ने कहा था कि अगर नागालैंड के कुत्ता खाने वाले लोग उन्हें वहां से खदेड़ सकते हैं तो हम तमिल तो भोजन के साथ नमक खाते हैं। हम तो उनसे भी अधिक साहसी हैं।
उन्हें एक बार इसलिए गिरफ्तार किया जा चुका है क्योंकि उन्होंने कहा था कि अनुसूचित जाति के न्यायाधीशों की मिली पदोन्नति पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि और उनकी सरकार द्वारा दी गई ‘भिक्षा’ थी। उन्होंने एक बार देश के पत्रकारों को ‘असली बदमाश’ कहा था और कहा था कि पत्रकार मुंबई के रेड-लाइट एरिया की तरह बहस चलाते हैं, जहां लोग पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अपनी विवादित टिप्पणियों के लिए बदनाम रहे भारती ने कहा था कि उत्तर भारत के लोग मूर्ख हैं, जिनके पास दिमाग नहीं होता है।
कौन हैं आर एस भारती?
भारती पेशे से एक वकील हैं और राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। वह, वरिष्ठ वकील पी विल्सन के साथ अक्सर डीएमके नेताओं की ओर से मानहानि का नोटिस भेजा करते हैं। वह मुदलियार जाति से हैं, जो प्रमुख भूमि-स्वामी जातियों में से एक है और द्रविड़ कड़गम (डीके) और डीएमके की पूर्ववर्ती जस्टिस पार्टी का मुख्य समर्थक रहे हैं।
दशकों तक डीएमके के महासचिव रहे के अंबाजगन की मौत के बाद भारती को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया। भारती ब्राह्मणों के प्रति अपनी सख्त नापसंदगी के लिए जाने जाते हैं और उनके बारे में बोलते समय वह अकसर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। भारती करुणानिधि परिवार के करीबी रहे हैं।