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Saturday, July 27, 2024

तमिलनाडु में गठबंधन तोड़ना BJP की बड़ी भूल, AIADMK संग लड़ा होता चुनाव तो क्या होता खेल; समझें समीकरण

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Tamil Nadu Alliance Politics: तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं। हालिया चुनावों में इन सभी सीटों पर सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की अगुवाई में इंडिया गठबंधन ने जीत दर्ज की है। डीएमके को 22, कांग्रेस को 9, सीपीआई, सीपीआई(एम) और VCK को 2-2 और MDMK और IUML को एक-एक सीट पर जीत मिली है। पड़ोसी की केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की भी एक सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है। राज्य की मुख्य विपक्षी AIADMK और केंद्र की सत्ताधारी भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का खाता तक नहीं खुल सका।

हालांकि, AIADMK गठबंधन को 23 फीसदी जबकि भाजपा गठबंधन को 18 फीसदी वोट मिले हैं। उधर इंडिया गठबंधन ने कुल 46.97% वोट शेयर हासिल किया। चुनावी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अगर AIADMK और BJP ने मिलकर एकसाथ चुनाव लड़ा होता तो दक्षिणी राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग होती। पिछले साल सितंबर में ये दोनों दल एक-दूसरे से अलग हो गए थे। उससे पहले AIADMK एनडीए का हिस्सा था। 

इस चुनाव की बड़ी बात यह है कि एनडीए के दो पूर्व सहयोगी AIADMK और BJP की अगुवाई वाले गठबंधन ने एक भी सीट नहीं जीतने के बावजूद कुल मिलाकार 41.33% वोट हासिल किए हैं, जो इंडिया गठबंधन से 5.6% कम है। हालांकि, मौजूदा चुनाव AIADMK के सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक है। बावजूद इसके डीएमके के बाद वोट शेयर के मामले में  वह दूसरे नंबर की पार्टी बनी हुई है। डीएमके को जहां करीब 27% वोट मिले हैं, वहीं AIADMK को अकेले 20.4% वोट मिले हैं।

आंकड़े बताते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले AIADMK के वोट शेयर में 1% की वृद्धि हुई है। पांच साल पहले AIADMK ने केवल 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार पार्टी ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा।  इसके अलावा दो उम्मीदवारों ने AIADMK के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था। तमिल राष्ट्रवादी एस सीमान की पार्टी नाम तमिलझार काची (NTK) को भी 8.10% वोट मिले हैं। एनटीके 2021 के विधानसभा चुनावों में डीएमके और एआईएडीएमके के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसका वोट शेयर करीब 7% रहा था। 2019 के लोकसभा चुनावों में एनटीके को केवल 3.9% वोट मिले थे।

वोट शेयर के हिसाब से देखें तो बीजेपी एनटीके से  ज्यादा तेजी से बढ़ी है। 2019 में बीजेपी को 3.6% वोट मिले थे लेकिन इस बार उसे 11. 24 फीसदी वोट मिले हैं। भाजपा ने  DMK की मुख्य सहयोगी कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है, जिसे 10.67% वोट मिले हैं। बता दें कि  भाजपा ने इस चुनाव में तमिलनाडु में पैर जमाने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो सकी। हालांकि, 2019 में भाजपा ने केवल पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि इस बार 19 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। 

AIADMK महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी (EPS) ने 2019 के सितंबर में भाजपा का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद  पट्टाली मक्कल काची (PMK), तमिल मनीला कांग्रेस (TMC) और अन्य सहयोगी दल  भाजपा के साथ चले गए। दूसरी तरफ AIADMK ने अपने साथ  DMDK को शामिल कर लिया। बावजूद इसके EPS एक मजबूत गठबंधन नहीं बना सके। इसलिए कई सीटों पर DMK, AIADMK और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। AIADMK और इसकी मुख्य सहयोगी देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (DMDK) 27 निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए 12 स्थानों पर दूसरे स्थान पर रहा। 



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