झांसी. कोई भी शहर अपनी गलियों के बिना अधूरा रहता है. शहर के मशहूर होने में गलियों की अहम भूमिका रहती है. कोई गली वहां रहने वाले किसी शख्स से मशहूर होती है, कोई अपने नाम से, तो कोई वहां होने वाले काम से. लेकिन, कुछ ही गलियां ऐसी होती हैं जो अपनी खुशबू की वजह से पहचान बनाती हैं. ऐसी ही एक गली है झांसी की दाऊ समोसा वाली गली. यह गली अपने स्वाद और खुशबू के लिए अलग पहचान रखती है.
झांसी में किसी गली से आप क्रॉस करें और आपके नाक में खौलते तेल में सेंके जा रहे समोसा और उफनती हुई कढ़ी की खुशबू भर जाए तो समझ जाइए की आप दाऊ समोसा वाली गली में खड़े हैं. 70 साल से अधिक समय से यहां कढ़ी-समोसा की कई दुकानें चल रही हैं. यहां पहली दुकान मदन मोहन यादव ने शुरु की थी. लोग इन्हें ही दाऊ कहते थे. उनके द्वारा बनाए गए कढ़ी समोसा को खाने के लिए कई लोग बहुत दूर से पैदल चल कर आते थे.
परिवार ने संभाली विरासत
दाऊ समोसा नाम से आज भी तीन दुकानें चलती हैं. यह तीनों दुकानें मदन मोहन यादव के परिवार के लोग ही चला रहे हैं. तीनों दुकानों पर स्वाद एक जैसा मिलता है. दुकान खुलने का समय सुबह 6 बजे है. लेकिन इससे पहले ही लोगों की भीड़ यहां लग जाती है. एक दुकान चलाने वाले राजेंद्र यादव कहते हैं की तीनों दुकानें दाऊ समोसा वाले की विरासत को संभाल रही हैं. इतने सालों में स्वाद नहीं बदला है. यह स्वाद आगे भी कायम रखा जायेगा.
FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 17:25 IST