नवीन पटनायक ने दांव चल दिया था।
अपने राजनीतिक शत्रुओं को इस निर्ममता से निपटाना नवीन पटनायक की राजनीति की पहचान रही है। वह अपनी सौम्य और भोली सूरत और शालीन व्यवहार के चलते करीब ढाई दशक तक सत्ता में बने रहे। बीजेडी के पुराने नेताओं को पटनायक की मां ज्ञान पटनायक की वह चेतावनी आज भी याद है जिसमें वह बताती थीं कि उनका छोटा बेटा अंदर से इस्पात की तरह कठोर है। वे कहती थीं, “पप्पू (नवीन का निकनेम) बाहर से जितना सौम्य और शालीन है, अंदर से उतना ही कठोर है।” इस तरह वह चेताती थीं कि कभी नवीन को हल्के में मत लेना।
और अब जबकि 24 साल 91 दिनों के बाद नवीन पटनायक के अविराम शासन का अंत हो रहा है, तो उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं। नवीन पटनायत पवन चामलिंग का सबसे ज्यादा समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड तोड़ने से बस बाल भर ही चूके हैं।
अब सवाल है कि क्या वह संन्यास ले लेंगे या फिर से वापसी का संघर्ष करेंगे? यह वह सवाल है जो बीजेपी के हाथों रौंदे जाने के बाद लोगों के दिमाग में बार-बार आ रहा है। बीजेपी तो पहले बीजेडी की सहयोगी रही है, लेकिन अब वह अकेले अपने दम पर ओडिशा में पहली बार सरकार बनाने जा रही है।