इसके अलावा भीतरघात और कर्तव्यहीनता करने वाले नेताओं को भी चिन्हित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि जिन विधायकों के क्षेत्रों में प्रत्याशियों को कम मत मिले हैं, उनकी राहें आने वाले विधानसभा चुनाव में कठिन होने वाली हैं।
बिहार में पिछले बार के 39 के मुकाबले इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 30 सीट ही मिली है। इस प्रदर्शन पर बिहार बीजेपी में समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि इसमें विधायकों का भी लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। दरअसल चुनाव में बिहार में महागठबंधन को लाभ हुआ है जबकि एनडीए, खासकर बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है।
पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन बिहार में मात्र एक सीट जीत पाया था। जबकि, इस चुनाव में आरजेडी को चार सीटें मिली हैं। इसके अलावा कांग्रेस को तीन और वामपंथी दलों को दो सीटें मिली हैं। वहीं पूर्णिया से निर्दलीय जीते पप्पू यादव भी महागठबंधन की तरफ ही माने जा रहे हैं। एनडीए 30 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है।
ऐसे में चुनाव परिणाम को लेकर बीजेपी में समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बिहार की जनता ने एनडीए को 75 प्रतिशत अंक दिए हैं। चुनाव प्रबंधन की टीम के अनुसार हमलोग चुनाव लड़े और 75 प्रतिशत अंक बिहार की जनता ने एनडीए को देने का काम किया। हमलोग जिन सीटों पर चुनाव हारे, उसकी समीक्षा कर रहे हैं। हम इस चुनाव में और बेहतर कर सकते थे। हमें भरोसा था कि इस चुनाव में बिहार की 40 में से 40 सीटें जीतेंगे, लेकिन हम 25 प्रतिशत सीट हारे, इसकी समीक्षा की जाएगी।
आंकड़ों के जरिये विधायकों के क्षेत्र की समीक्षा की जा रही है और उनका लेखा जोखा तैयार हो रहा है। इसके अलावा भीतरघात और कर्तव्यहीनता करने वाले नेताओं को भी चिन्हित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि जिन विधायकों के क्षेत्रों में प्रत्याशियों को कम मत मिले हैं, उनकी राहें आने वाले विधानसभा चुनाव में कठिन होने वाली हैं। सूत्रों का कहना है कि जीतने वाले प्रत्याशियों के क्षेत्र के विधायकों का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा।