नई दिल्ली
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को मॉनसून को लेकर इस साल का पहला अनुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल देश में मॉनसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान सामान्य बरसात होने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मॉनसून सीजन में अल-नीनो कमजोर रहने की संभावना है और सीजन बढ़ने के साथ यह कमजोर होता जाएगा। गौरतलब है कि भारत एक कृषि आधारित इकोनॉमी है और देश की आधी से ज्यादा कृषि मॉनसून पर निर्भर है। इससे पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों की मौसम एजेंसियों समेत भारत में स्काईमेट ने भी मॉनसून की चाल पर अलनीनो के असर की आशंका जताई थी।
मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी बयान के मुताबिक, जून-सितंबर तक चलने वाले मॉनसून सीजन के दौरान लॉन्ग टर्म एवरेज (LTA) की तुलना में 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। आईएमडी ने कहा कि उसके अनुमान में 5 फीसदी कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है। भारत में कृषि के लिए मॉनसून सीजन की खासी अहमियत है क्योंकि साल भर होने वाली बारिश में 70 फीसदी योगदान मॉनसून सीजन का ही होता है। इससे जलाशय भर जाते हैं और फसलों की सिंचाई में मदद मिलती है। इससे करोड़ों लोगों को आजीविका मिलती है और खाद्य पदार्थों की कीमतें भी प्रभावित होती हैं। दुनिया में भारत चावल, गेहूं और कॉटन का दूसरा बड़ा उत्पादक है। कम बारिश से इनके उत्पादन में कमी आती है। साथ ही इडिबिल ऑयल जैसी कमोडिटीज का ज्यादा आयात करना पड़ता है।
प्रशांत महासागर में पेरू के पास समुद्री तट के गर्म होने वाली घटना को अलनीनो कहा जाता है। पिछले कुछ सालों से प्रशांत महासागर की सतह का तापमान बढ़ रहा है। अलनीनो की वजह से समुद्री हवाओं का रुख बदल जाता है। इसके चलते ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में बारिश नहीं होती और इसके उलट जिन इलाकों में बारिश नहीं होती है, वहां मूसलाधार बारिश होती है।
स्काईमेट का Monsoon पर क्या था अनुमान
-0% अनुमान है कि सीजन में सामान्य का 110% से अधिक बारिश हो।
-0% अनुमान है कि सीजन में सामान्य का 105 से 110% (LPA) के बीच बारिश हो।
-30% अनुमान है कि सीजन में सामान्य का 96 से 104% (LPA) बारिश हो।
-55% अनुमान है कि सीजन में सामान्य का 90 से 95% (LPA) बारिश हो।
-15% अनुमान है कि सीजन में सामान्य के 90% (LPA) से कम बारिश हो।