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Monday, May 20, 2024

चरक संहिता के अनुसार ये दाल है 'प्रोटीन का भंडार'…खिलाड़ियों के लिए अमृत! आप भी करें इस्तेमाल

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तनुज पाण्डे/नैनीताल : दाल भारतीय खानपान का मुख्य हिस्सा है. भारत के लगभग सभी घरों में दाल बनाई जाती है. पर क्या आपको पता है हमारी थाली में कई दालें ऐसी भी हैं जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही स्वास्थ के लिए भी बेहद लाभदायक है. आज हम आपको ऐसी ही एक दाल के बारे में बताने जा रहे हैं जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ ही प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है. हम बात कर रहे हैं तूअर की दाल की. दरअसल तूअर की दाल अरहर की दाल के बड़े रूप को बोला जाता है. तूअर की दाल में कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद हैं जो आपकी सेहत के लिए बेहद लाभदायक है. तूअर की दाल का वैज्ञानिक नाम कजनस केजन (Cajanus Cajan) है

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित डी एस बी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफ़ेसर डॉक्टर ललित तिवारी ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि तूअर की दाल अरहर की दाल की अपेक्षा साइज में बड़ी होती है. उन्होंने बताया कि इस दाल में कई औषधीय गुण विद्यमान है. इस दाल के सेवन शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति होती है. यह दाल पूर्वी गोलार्ध, दक्षिणी अमेरिका, लेटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका समेत भारत में मिलती है.

चरक संहिता में तूअर की दाल का उल्लेख
प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि तूअर की दाल प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. इसके अलावा ये दाल कई खनिज, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, कैल्सियम और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही पाचन में भी सुगम है. यही वजह है की इस दाल का सेवन एथलीट, और खिलाड़ियों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में इस दाल का उल्लेख मिलता है. पहाड़ों में तूअर की दाल, भात के साथ मुख्य रूप से खाई जाती है.

Tags: Health News, Life18, Local18, Nainital news, Uttarakhand news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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