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Friday, May 3, 2024

भीषण तूफान फोनी पंहुचा ओडिशा, 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया

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भुवनेश्वर

पिछले 20 साल में आए सबसे भीषण तूफान फोनी ने ओडिशा में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। फोनी से सबसे ज्‍यादा प्रभावित पुरी में करीब 240 से 245 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तटीय इलाकों में कई पेड़ उखड़ गए हैं और घरों को नुकसान पहुंचा है। तूफान की गंभीरता को देखते हुए पहले ही 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा चुका है। फोनी का असर पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्‍तर भारत और आंध्र प्रदेश में इस भीषण तूफान का असर देखा जा रहा है।

फोनी से बचने के लिए क्‍या करें और क्‍या न करें…

क्‍या करें

– भारी बारिश और तूफान के समय घर के अंदर रहें। बच्‍चों को घर के बाहर न जाने दें। साथ ही बच्‍चों को आसपास जमा पानी में खेलने न दें। इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

– अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाएं। बिजली के खंभों और झूलते हुए तारों से पूरी तरह से दूर रहें। इन तारों में करंट हो सकता है। इससे जान भी जा सकती है। तूफान के समय घर में बिजली की सप्‍लाई को बंद कर दें। इससे उनके खराब होने का खतरा नहीं रहेगा।

– अपनी इमरजेंसी लाइट और मोबाइल फोन को चार्ज रखें। घर के अंदर पर्याप्‍त मात्रा में मोमबत्‍ती और माचिस रखें। इससे संकट के समय प्रकाश और आग जलाने में आसानी होगी।

– इस तरह की व्‍यवस्‍था रखें जिससे कि बच्‍चों और वयस्‍कों के लिए आसानी से तत्‍काल खाना बनाया जा सके। यही नहीं आम बीमारियों में इस्‍तेमाल में आने वाली जरूरी दवाएं जरूर रखें। इसके साथ-साथ खुद शांत रहें और दूसरों को भी रखें।

– तूफान के समय अपने खिड़की और दरवाजे बंद रखें। रेडियो और ट्रांजिस्‍टर सुनें। इससे तूफान की ताजा जानकारी मिलेगी। पानी उबालकर पीएं। केवल आधिकारिक चेतावनी पर ही विश्‍वास करें।

क्‍या न करें

– बारिश और तूफान के दौरान अफवाह को न फैलाएं और इससे जुड़ी किसी अफवाह से खुद को दूर रखें।

– खाना पकाने की गैस को बंद रखें, इससे आग लगने का खतरा रहता है। इसके अलावा यदि आपका घर असुरक्षित है तो जल्‍द से जल्‍द अपने नजदीकी साइक्‍लोन शेल्‍टर में शरण लें।

फोनी: 225 रफ्तार, 20 साल बाद ऐसा तूफान

– शेल्‍टर होम में तब तक रहें जब तक कि बचावकर्मी आपको घर जाने के लिए न कहें। घर जाकर यह जरूर जांचें कि क्‍या आपका घर अब रहने लायक है या नहीं। जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उसमे न रहें।

– मछुआरे अपने रेडियो सेट में एक अतिरिक्‍त बैटरी जरूर रखें। अपनी नौका को सुरक्षित स्‍थानों पर बांधकर जरूर रखें। तूफान के शांत होने तक समुद्र में न जाएं।

फोनी तूफान: निपटने के लिए सरकार और प्रशासन ने कसी कमर, ट्रेनें और कई फ्लाइट रद्द

(जी.एन.एस) ता. 03

भुवनेश्वर

खतरनाक फोनी तूफान के ओडिशा के पुरी तट से टकराने के बाद तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। साइक्लोन से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन ने कमर कस ली है। फोनी के मद्देनजर प्रभावित इलाकों से करीब 11 लाख विस्थापित किए जा चुके हैं। फोनी से रेल यातायात के साथ फ्लाइट ऑपरेशन पर भी असर पड़ा है। तूफान के मद्देनजर भुवनेश्वर एयरपोर्ट में 24 घंटे तक फ्लाइट का संचालन रोक दिया गया है।

डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट आने-जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरलाइंस/ऑपरेटर को अडवाइजरी जारी की है। इसके तहत भुवनेश्वर में शुक्रवार को पूरे दिन के लिए फ्लाइट रद्द कर दी गई है जबकि कोलकाता में नई अडवाइजरी के तहत शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से सुबह 8 बजे तक फ्लाइट का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा।

इससे पहले डीजीसीए ने अपनी अडवाइजरी में कोलकाता एयरपोर्ट में रात साढ़े नौ बजे से शाम 6 बजे तक की उड़ानें कैंसल की थी लेकिन तूफान की रफ्तार को देखते हुए समय में संशोधन किया गया है।

डीजीसीए ने कहा कि अडवाइजरी में कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए एहतियातन कदम उठाया गया है। फ्लाइट का संचालन एयर ट्रैफिक कंट्रोल से पॉजिटिव क्लीयरेंस मिलने के बाद दोबारा शुरू किया जाएगा।

रेलवे ने तूफान के मद्देनजर 3 मई को दिल्ली और हरिद्वार से पुरी, भुवनेश्वर और विशाखापत्तनम जाने वाली सात ट्रेनें कैंसल कर दीं। एक ट्रेन 4 मई को कैंसल की गई है और एक-एक ट्रेन 6 और 7 मई को कैंसल की गई है। फोनी तूफान के चलते रेलवे 1 से 3 मई के बीच पहले ही 147 ट्रेनें कैंसल कर चुका है।

रेलवे ने अब तक प्रभावित क्षेत्रों से यात्रियों को लाने के लिए तीन स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है। एक विशेष ट्रेन दिन में 12 बजे पुरी से शुरू होगी जो कोलकाता के शालीमार की तरफ जाएगी। इसमें आरक्षित एवं अनारक्षित डिब्बे हैं।

ओडिशा सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की 15 मई तक की छुट्टी रद्द कर दी हैं और जो छुट्टी पर चल रहे थे वे बुधवार शाम को ड्यूटी पर लौट आए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए 880 साइक्लोन सेंटर भी स्थापित किए हैं।

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