मुंबई समाचार : यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग जांच मामले मेंं सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने वैश्विक पर्यटन और ट्रैवल कंपनी कॉक्स और किंग्स के मुंबई स्थित पांच परिसरों में छापे मारे की। मिली जानकारी के अनुसार ये छापे धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत मारे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कॉक्स एंड किंग्स यस बैंक के शीर्ष कर्जदारों में था और बैंक ने इस कंपनी को 2260 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इस कंपनी के पांच परिसरों में छापा मारने का मकसद अधिक से अधिक सबूत एकत्रित करना है। गौरतलब है कि यस बैंक घोटाले की शुरुआत अप्रैल से जून 2018 के बीच हुई थी, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के शॉर्ट टर्म डिबेंचर्स में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। सीबीआइ का कहना था कि बीते सात मार्च को मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। सीबीआइ ने वधावन बंधुओं को मुकदमे में नामित करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने यस बैंक से अपनी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) लिमिटेड को लाभ दिलाने के लिए राणा कपूर के साथ षड्यंत्र रचा था।
26 अप्रैल 2020 को यस बैंक घोटाले में नया मोड़ आया है जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यस बैंक घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन और RKW डेवलपर्स के प्रवर्तक धीरज वधावन को महाबलेश्वर से हिरासत में ले लिया। वधावन बंधु 8 मार्च से ही सीबीआइ और ईडी से छिप रहे थे। यस बैंक मामले में पूछताछ के लिए इनकी तलाश जारी थीं। वधावन बंधु खंडाला के एक गेस्ट हाउस में छिपे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इनको गेस्ट हाउस छोड़कर महाबलेश्वर जाना पड़ा था। दोनों को डर था कि अगर मुंबई गए तो गिरफ्तार हो जाएंगे, इसलिए ये महाबलेश्वर की तरफ निकल गए थे। दरअसल, ईडी ने 8 मार्च को राणा कपूर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए वधावन बंधु खंडाला की ओर चले गए थे और एक गेस्ट हाउस में जाकर छिप गए थे।