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Monday, July 8, 2024

खरीफ के सीजन में इस विधि से करें फूल गोभी की खेती, बंपर होगी पैदावार, बन जाएंगे मालामाल

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सौरभ वर्मा/ रायबरेली: वैसे तो जून जुलाई का महीना खरीफ की फसलों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. क्योंकि इस मौसम में किसान मुख्य तौर पर खरीफ की फसलों धान, मक्का, बाजरा की खेती करते हैं. परंतु कई ऐसी भी फसले हैं, जिन्हें खरीफ के सीजन में भी आसानी से उगा कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन फसलों में से एक फूल गोभी की फसल भी है. जो आमतौर पर रबी के सीजन की मुख्य फसल मानी जाती है. परंतु किसान इसको खरीफ के सीजन में भी उगा कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तो आइए कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं. खरीफ के सीजन में फूलगोभी की खेती करने के लिए किसानों को कौन से तरीके अपनाने होंगे. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सके.

कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्राविधिक सहायक कृषि विवेक कुमार बताते हैं कि रबी के सीजन में होने वाली फूलगोभी की खेती के लिए नम जलवायु और सामान्य तापमान की जरूरत होती है. इसीलिए यह फसल ज्यादा ठंड और गर्मी सहन नहीं कर पाती. साथ ही शुष्क मौसम और कम नमी भी इस फसल के लिए अनुकूल नहीं होती है. साथ ही अधिक तापमान होने पर इसका फूल पीला पड़ जाता है. एवं उसके बीज में छोटी-छोटी पत्तियां भी उगती हैं. इसीलिए जरूरी है कि फूलगोभी की खेती ऐसी मिट्टी में की जाए, जहां पोषक तत्व और जीवांश पर्याप्त मात्रा में पौधे को मिल सके. खेत में पर्याप्त नमी के साथ ही जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. अगेती किस्म के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.नर्सरी के चार से 6 सप्ताह बाद पौधा रोपाई कर दें.

फूलगोभी की खेती करने वाले किसान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

जून से जुलाई माह में फूलगोभी की खेती करने वाले किसान सबसे पहले नर्सरी तैयार करें. इसके लिए वह बीज की बुवाई से पहले कॉपटान या थीराम 2 से 3 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज की दर से बीज उपचारित करके बीज की बुवाई करें. जिससे पौधा स्वस्थ रहेगा और अच्छा विकास होगा.

पॉली हाउस बनाकर करें खेती

LOCAL 18 से बात करते हुए विवेक कुमार बताते हैं कि खरीफ के सीजन में फूलगोभी की खेती करने के लिए किसान पॉली हाउस बना लें. क्योंकि खरीफ के सीजन में पॉली हाउस में इस फसल के अनुरूप तापमान भी मिल जाएगा. जिससे फसल की पैदावार अच्छी होगी. आगे की जानकारी देते हुए वह बताते हैं कि पौधे की रोपाई पंक्तिवार करें. इस दौरान ध्यान रहे कि पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी हो एवं पौधा रोपाई करने के बाद हल्की सिंचाई कर दें. यदि खेत की हल्की मिट्टी है, तो 5 से 6 दिन बाद और भारी मिट्टी में 8 से दिन बाद सिंचाई करते रहें.

Tags: Hindi news, Local18



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