मुंबई समाचार : महाराष्ट्र में मची सियासी हलचल के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। जानकारी के मुताबिक इस दौरान महाराष्ट्र में कोरोना संकट को लेकर चर्चा हुई। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि बैठक में कोरोना वायरस को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद राज्य सरकार के मंत्रियों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस में शिवसेना के नेता और परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस कह रहे हैं कि केंद्र महाराष्ट्र सरकार को पूर्ण समर्थन दे रही है। यह कहकर उन्होंने लोगों को गुमराह किया है। वहीं कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, कोरोना संकट में हमें विपक्ष से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन वे केवल सरकार को बदनाम कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी के एक शिष्टमंडल की पिछले दिनों राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मुलाकात के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। बीजेपी के शिष्टमंडल ने कोविड-19 संकट से निपटने में सरकार की विफलता की शिकायत राज्यपाल से की थी। सोमवार को बीजेपी सांसद नारायण राणे ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और सत्तारूढ़ गठबंधन के कोरोना वायरस के हालात से निपट नहीं पाने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। एमवीए ने मंगलवार को विपक्षी पार्टी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि संख्याबल उसके पक्ष में है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने यह भी कहा कि सरकार मजबूत और स्थिर है। फडणवीस ने बाद में कहा था कि बीजेपी की राज्य में सरकार बनाने में दिलचस्पी नहीं है और वह चाहती है कि कोविड-19 के संकट से प्रभावी तरीके से निपटा जाए। देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में हैं। इस समय लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है जो 31 मई को समाप्त होगा। राज्य के मुख्य सचिव अजय मेहता ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा था कि सरकार लॉकडाउन में बहुत ही क्रमिक तरीके से ढील देगी।