नई दिल्ली/ कोलकाता
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी निरस्त करने की मांग की। TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खरीद-फरोख्त में शामिल हैं, इसलिए उनकी उम्मीदवारी निरस्त की जाए। एक दिन पहले पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक रैली में दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 23 मई के बाद सारे विधायक पार्टी छोड़ देंगे।
पीएम मोदी के दावे के बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने कहा था कि एक्सपायरी बाबू पीएम (PM Modi) इतना समझ लें कि उनके साथ टीएमसी का एक पार्षद तक नहीं जाएगा. उन्होंने इस बाबत एक ट्वीट भी किया। उन्होंने (Derek O’Brien) लिखा कि एक्सपायरी बाबू पीएम यह बात साफ तौर पर समझ लें कि उनके साथ कोई नहीं जाएगा। यहां तक कि एक पार्षद भी नहीं। क्या और चुनाव प्रचार कर रहे हैं या विधायकों की खरीद-फरोख्त! आपकी एक्सपायरी डेट अब करीब है।
आज हम आपके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत कर रहे हैं। साथ ही आप पर विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश का आरोप भी लगा रहे हैं। पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में कहा था, ‘पहले सिर्फ मोदी को गालियां दी जाती थी, अब ईवीएम को भी दी जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के गुंडे लोगों को वोट डालने से रोक रहे हैं। विपक्ष का प्रचार अभियान मोदी को गालियां देने पर केन्द्रित है। अगर आप इन्हें निकाल देंगे तो कुछ नहीं बचेगा। पीएम मोदी ने इससे पहले झारखंड को कोडरमा में रैली को संबोधित किया था। कोडरमा में पीएम मोदी ने पहली बार मताधिकार का प्रयोग कर रहे युवाओं को ‘मिशन महामिलावट’ के प्रति आगाह करते हुए सोमवार को कहा कि विपक्ष का महागठबंधन देश में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं चाहता। झारखंड के कोडरमा में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक कमजोर सरकार चाहती है जिसे वह ‘रिमोट कंट्रोल’ से चला सके।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, मिशन महामिलावट यानि केंद्र में ऐसी खिचड़ी सरकार, जो कमजोर रहे, जिस सरकार में ये लोग करोड़ों-अरबों रुपए इधर से उधर कर पाएं, जो इनके परिवारों को, इनके रिश्तेदारों की गुलाम बनकर काम करे। ये किसी भी कीमत पर देश में एक मजबूत, पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं चाहते। महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा, ये लोग किसी के नहीं हैं। इन लोगों को जहां अपना वोटबैंक नहीं दिखता, ये उस इलाके को गरीब बनाकर रखते हैं, पिछड़ा बनाकर रखते हैं, वहां के लोगों को पूछते तक नहीं हैं। गरीब आदिवासी भाई-बहनों के साथ भी इन लोगों ने यही किया है।