साओ पाओलो न्यूज़ : ब्राजील में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मामलो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां की सरकार कोरोना से हो रही मौत के मामले को सार्वजनिक करने को तैयार नहीं है। इससे ये अर्थ लगाया जा रहा है कि ब्राजील सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए आम जनता से आंकड़े शेयर नहीं करना चाहती है। इसका पता तब चला जब राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोनो वायरस के प्रकोप की दूसरी सबसे बड़ी लहर से बढ़े मामलों की अधिकारिक पुष्टि नहीं की। उन्होंने अपने यहां आए कोरोना महामारी के आंकड़ों को सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब आम लोग महामारी के आंकड़ों को नहीं देख पाएंगे। ब्राजील ने कोरोना वायरस के मासिक आंकड़ों को सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारी वेबसाइट से कोरोना वायरस के डाटा को तुरंत हटा दिया था। यह वे दस्तावेज थे जो राज्य और नगरपालिका द्वारा मिले महामारी के आंकड़ों के आधार पर बनाया गया था। मंत्रालय ने भी कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या को बताना बंद कर दिया है। यहां पर संक्रमण के आंकड़े 6 लाख 72 हजार से अधिक पहुंच चुके हैं। ये अमरीका के अलावा किसी भी देश में पाए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या से अधिक है। इस सप्ताह शनिवार तक इटली में हुई कुल 36,000 मौतों ये काफी करीब है। बोल्सोनारो ने मंत्रालय के एक नोट का हवाला देते हुए ट्विटर पर लिखा कि कोरोना महामारी पर तैयार किये गए ये आंकड़े देश की असली तस्वीर सामने नहीं ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामलों की रिपोर्टिंग और इलाज की पुष्टि के बारे में अन्य कार्रवाइयां चल रही हैं. बोल्सनारो ने इस महामारी के खतरे को कम आंकते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जगह सैन्य अधिकारियों को तैनात कर दिया है. साफ़ है वे लॉकडाउन के दौरान वायरस से लड़ने की जगह देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ खेल खेल रहे हैं।