केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने गुरुवार को उन रिपोर्टों पर सफाई दी जिनमें कहा गया था कि उन्हें एक विपक्षी दल द्वारा प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। नितिन गडकरी ने कहा, “जब मुझे विपक्षी दल द्वारा प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई, तो मैंने उनसे पूछा कि आप मुझे प्रधानमंत्री क्यों बनाना चाहते हैं और मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ क्यों न रहूं। प्रधानमंत्री बनना मेरी महत्वाकांक्षा नहीं है।” बता दें कि नितिन गडकरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि एक विपक्षी दल की तरफ से उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर मिला था। इसके बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ऑफर सोनिया गांधी या शरद पवार की तरफ से था या फिर किसी और नेता की तरफ से? तो केंद्रीय मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि “आप अटकलें लगाइए इसके लिए आप स्वतंत्र हैं, मैं यह आपको नहीं बताने वाला।”
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले ही नहीं बल्कि बाद में भी विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने का प्रस्ताव मिला था। उन्होंने कहा, “मुझे चुनावों से पहले और बाद में भी यह प्रस्ताव मिला।” मोदी की बढ़ती उम्र और आरएसएस में उनकी साख के संबंध में पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी के बाद उन्हें प्रमोशन मिलेगा? उन्होंने कहा, “मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं। मोदी जी के सवाल आप उनसे पूछिए लेकिन मेरा और पीएम मोदी का रिलेशन बहुत अच्छा है।”
उन्होंने कहा, “मैं किसी दौड़ में नहीं हूं, न ही मैंने अपना बायोडाटा किसी को दिया है। मैं अपना काम करता रहता हूं। मैं जहां हूं, वहां खुश हूं। इन सवालों के जवाब के लिए आप प्रधानमंत्री मोदी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से पूछ सकते हैं।” बीजेपी में अपनी भूमिका पर बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, “मैं पार्टी का एक कार्यकर्ता और RSS का सदस्य हूं। मुझे मंत्री न भी बनाया जाए तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं हमेशा मानता हूं कि राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधारों का एक साधन है। मैं अपना काम करता रहूंगा और किसी चीज की चिंता नहीं करूंगा।”