Sex Education: बच्चों को सेक्स एजुकेशन (Sex Education) देना बहुत जरूरी है. क्योंकि किशोर होते बच्चे शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में अपने पेरेंट्स से खुलकर बात नहीं कर पाते. वो कभी दोस्तों से इसके बारे में सलाह लेते हैं, जो खुद ही इन बदलावों से गुजर रहे होते हैं. तो कभी इंटरनेट या मैग्जीन का सहारा लेते हैं. इंटरनेट पर मौजूद हर जानकारी सही नहीं होती है. बच्चे जानकारी का सोर्स क्या है, उस पर ध्यान नहीं देते, जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
गलत जानकारी की वजह से किशोर होते बच्चों के मन में कई बार गलत धारणाएं बन जाती हैं. जैसे मास्टरबेट करना गलत बात (Masturbating is wrong) होती है. इस वजह से मास्टरबेट करने के बाद कई बच्चे अपराध बोध यानी गिल्ट महसूस करने लगते हैं और कई बार बच्चे डिप्रेशन (Depression) का शिकार भी हो जाते हैं.
दिक्कत ये हैं कि इन तनावों और बदलावों से वो अकेले जूझ रहे होते हैं और परिवार में किसी बड़े से इस बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं. इसलिए प्यूबर्टी से जुड़े कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए एनडीटीवी ने बात की सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ निधि झा (Dr. Nidhi Jha) से.
स्पर्म किस उम्र में बनना शुरू होता है? (At what age sperm start being produced?)
इस सवाल के जवाब में डॉ निधि ने कहा कि आमतौर पर लड़कों में 13 साल की उम्र से स्पर्म (Sperm) बनने शुरू हो जाते हैं. लेकिन अगर प्रॉपर सीमन एनालिसिस (Proper semen analysis) की बात करें जिसमें स्पर्म और सीमन का प्रॉपर रेश्यो होता है, तो वो 14- 15 साल की उम्र के बाद ही बनना शुरू होता है.
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क्या हस्तमैथुन करना गलत है? (Is it wrong to masturbate?)
किशोरावस्था में अक्सर बच्चे हस्तमैथुन (Masturbate) करते हैं. लेकिन सही जानकारी न होने पर उन्हें लगता है उन्होंने कोई गलत काम या पाप किया है. इस विषय पर डॉ निधी ने कहा कि कभी कभार मास्टरबेट (Masturbate) करना गलत नहीं होता है. लेकिन इतना नहीं करना चाहिए कि आपकी लाइफस्टाइल पर इसका असर पड़ने लगे, आपकी पढ़ाई इससे प्रभावित होने लगे.
उन्होंने कहा कि आस-पास से मिली गलत जानकारी की वजह से कई बार बच्चों को लगता है कि ज्यादा मास्टरबेट करने से पेनिस (Penis) का साइज बड़ा हो जाता है. इस उम्र में बच्चे साइज को लेकर बहुत इन्सिक्योर होते हैं. ये भी एक वजह है कि कई बच्चे ज्यादा हस्तमैथुन यानी मास्टरबेट करने लगते हैं. इसलिए किसी जानकारी का सोर्स क्या है वो बहुत मायने रखता है. गलत जानकारी की वजह से ही कई बार बच्चे मास्टरबेट करने को पाप समझ लेते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं.
डॉ निधि ने समझाते हुए कहा कि कभी-कभी मास्टरबेट कर रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है, यह नॉर्मल है. इसे लेकर गिल्ट में न रहें. यह आपके वयस्क होने की एक सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन इस उम्र में आपका फोकस उन चीजों पर होना चाहिए जो आपकी लाइफ के लिए ज्यादा जरूरी हैं. जैसे आपका करियर, आपकी फैमिली, आपकी पढ़ाई और आपका गोल. मास्टरबेट का असर इन चीजों पर नहीं पड़ना चाहिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)