काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ हैयह रिसर्च मंगोलियन आक्रमणकारी चंगेज खान के डीएनए पर आधारित है
वाराणसी. वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है. यह रिसर्च मंगोलियन आक्रमणकारी चंगेज खान के डीएनए पर आधारित है, जिसमें यह दावा किया गया है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में चालीस प्रतिशत हजारा जनजाति और दक्षिण एशिया के पुरुषों में चंगेज खान के अंश मिले हैं. लेकिन भारत में अभी तक के रिसर्च में ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है. यानी भारत में चंगेज खान का कोई वंशज नहीं मिला है.
इस रिसर्च में नौ देशों के पच्चीस वैज्ञानिक शामिल हैं, जिसमें दो भारतीय वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई हैं. बड़ी बात यह है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज़ूलॉजी विभाग के जीन वैज्ञानिक ज्ञानेश्वर चौबे भी टीम में शामिल थे, जिन्होंने चंगेज खान के डीएनए पर रिसर्च किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में चंगेज खान के डीएनए में पता चला है कि उसके डीएनए वाले लोग मुख्य तौर पर चीन, कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान समेत उजमेनिस्तान रहने वाले हैं. साथ ही पाकिस्तान के हज़ारा जनजाति के लोगो में डीएनए मिला है. ये डीएनए कब फैला इसके लिए मौलिक्यूलर क्लॉक की मदद की गई है. इनमें ख़ास तरह के डीएनए के फैलने का समय 1200 ईसवी के आसपास मिला है. फ़िलहाल पूरे रिपोर्ट में लद्दाख के पांच हज़ार लोगों के डीएनए सैंपल पर रिसर्च अभी जारी है.
1.5 करोड़ लोगों में चंगेज खान का वाई क्रोमोज़ोम
डॉ चौबे के मुताबिक पूरी दुनिया में 1.5 करोड़ लोगों में चंगेज खान का वाई क्रोमोज़ोम मिला है. वाई क्रोमोज़ोम पिता से बेटे में ट्रांसफर होता हैं. इसका मतलब यह है कि दुनिया के प्रत्येक 200वें इंसान में चंगेज खान का डीएनए है. हालांकि भारत में अभी तक चंगेज खान के वाई क्रोमोज़ोम का कोई नहीं मिला है. चंगेज खान के सबसे ज्यादा वंशज चीन में हैं.
चंगेज खान का डीएनए पूरे मिडिल ईस्ट में फैला
बताते चलें कि चंगेज खान ने करीब आठ सौ साल पहले पूर्वोत्तर एशियाई कबीलों समेत मिडिल ईस्ट और चीन के बड़े भू-भाग पर हमला कर कब्जा किया था. कहा जाता है कि चंगेज खान का मकसद अपने जैसे लोगों की आबादी बढ़ाना था. उसने हर युद्ध जीतने के बाद ऐसा ही किया। वह गांव-गांव जा कर पुरुषों का क़त्ल कर देता था और महिलाओं से दुष्कर्म करता था. इसका नतीजा ये हुआ कि चंगेज खान का डीएनए पूरे मिडिल ईस्ट में फ़ैल गया.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:28 IST